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    बिहार के गोकुल जलाशय और उदयपुर झील को मिला रामसर साइट का दर्जा, जैव विविधता संरक्षण में मील का पत्थर

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 03:34 PM (IST)

    बिहार ने जैव विविधता और आर्द्रभूमि संरक्षण में एक और उपलब्धि हासिल की है। बक्सर जिले में गोकुल जलाशय और पश्चिम चंपारण की उदयपुर झील को रामसर साइट का दर्जा मिला है जिससे राज्य में ऐसे स्थलों की संख्या पांच हो गई है। उदयपुर झील प्रवासी पक्षियों का ठिकाना है।

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    गोकुल जलाशय और उदयपुर झील को मिला रामसर साइट का दर्जा

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार ने जैव विविधता और आर्द्रभूमि संरक्षण के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य के बक्सर जिले में स्थित गोकुल जलाशय (448 हेक्टेयर) और पश्चिम चंपारण जिले की उदयपुर झील (319 हेक्टेयर) को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि यानी रामसर साइट का दर्जा मिल गया है। इसके साथ ही बिहार में ऐसे स्थलों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है, और भारत में कुल 93 रामसर स्थल हो गए हैं।

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    प्रमुख विशेषताएं

    गोकुल जलाशय बक्सर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि है, जो गंगा नदी की बाढ़ों से प्रभावित है। यह जलाशय न केवल पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी आजीविका का स्रोत है। यहाँ 50 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो इसकी जैव विविधता को दर्शाती हैं। बाढ़ के समय यह जलाशय प्राकृतिक बफर का काम करता है, जिससे आसपास के गांवों को आपदा से सुरक्षा मिलती है। स्थानीय लोग मछली पकड़ने, खेती और सिंचाई के लिए इस जलाशय पर निर्भर हैं। ग्रामीण पारंपरिक पर्व के दौरान सामूहिक रूप से जलाशय की सफाई करते हैं, जो इसकी देखभाल और संरक्षण को प्रदर्शित करता है।

    उदयपुर झील पश्चिम चंपारण जिले में स्थित एक प्राकृतिक ऑक्सबो झील है, जो अपनी विशिष्ट पारिस्थितिकी के लिए जानी जाती है। इस झील में 280 से अधिक वनस्पति प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो इसकी समृद्ध जैव विविधता को उजागर करती हैं। उदयपुर झील 35 प्रवासी पक्षियों के लिए शीतकालीन ठिकाना है, जिनमें असुरक्षित कॉमन पोचार्ड जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं। यह झील उदयपुर वन्यजीव अभयारण्य के घने जंगलों से घिरी हुई है, जो इसके संरक्षण और प्राकृतिक सौंदर्य को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

       महत्व

    • जैव विविधता संरक्षण: ये स्थल जैव विविधता और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
    • जलवायु संतुलन: आर्द्रभूमि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक।
    • सतत आजीविका: स्थानीय समुदायों के लिए मछली पकड़ना, खेती और पर्यटन महत्वपूर्ण आजीविका स्रोत।
    • नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार: संरक्षण और विकास का संतुलन दिखाता है।
    • भारत में रामसर स्थल: अब भारत में 93 रामसर स्थल हैं, जो लगभग 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं।

    यह उपलब्धि न केवल बिहार के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है, जो आर्द्रभूमि संरक्षण में राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।