बिहार में 'ईज ऑफ लिविंग' पहल: जनता की आवाज से विकास का नया अध्याय
बिहार सरकार ने 'सात निश्चय–पार्ट 3' के तहत 'सबका सम्मान, जीवन आसान' कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन को सरल, सुरक्षित और सम्मानज ...और पढ़ें

सबका सम्मान, जीवन आसान
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार सरकार ने शासन और आम नागरिकों के बीच की दूरी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। ‘सात निश्चय–पार्ट 3’ के तहत निश्चय–7 : सबका सम्मान, जीवन आसान (Ease of Living) कार्यक्रम के माध्यम से सरकार ने सीधे जनता से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इस पहल का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक नागरिक के जीवन को अधिक सरल, सुरक्षित और सम्मानजनक बनाना है। इसे प्रशासनिक सुधार के साथ-साथ लोकतांत्रिक सहभागिता को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
सरकार ने वर्ष 2025 से 2030 तक बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार विकास की परिकल्पना केवल सड़कों, भवनों या आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम आदमी की रोजमर्रा की परेशानियों के समाधान पर केंद्रित है। सरकार चाहती है कि नीतियां दफ्तरों में नहीं, बल्कि नागरिकों के अनुभवों से गढ़ी जाएं।
इसी क्रम में लोगों से उनके दैनिक जीवन से जुड़ी समस्याओं और सुझावों को साझा करने की अपील की गई है। इनमें प्रमाण-पत्रों की घर तक डिलीवरी, ताकि बुजुर्गों और दिव्यांगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें; वृद्धजनों के लिए घर पर नर्सिंग और देखभाल सेवाएं; बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित और सुगम पैदल मार्ग; तथा अस्पतालों में संवेदनशील और त्वरित चिकित्सा सेवाएं जैसे मुद्दे शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये केवल उदाहरण हैं, असली प्राथमिकताएं जनता के सुझावों से तय होंगी।
यह पहल इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें सरकार स्वयं नागरिकों से यह पूछ रही है कि उन्हें क्या चाहिए और किन समस्याओं से वे रोज जूझते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होंगी तथा आम लोगों में यह विश्वास बढ़ेगा कि उनकी आवाज़ नीति निर्माण में मायने रखती है।
नागरिक अपने सुझाव 4 जनवरी 2026 तक क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन या डाक द्वारा अपर सचिव, 4 देशरत्न मार्ग, मुख्यमंत्री सचिवालय, पटना–800001 के पते पर भेज सकते हैं। सरकार को प्राप्त सभी सुझावों की समीक्षा कर एक ठोस और व्यावहारिक कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
यह पहल संकेत देती है कि बिहार में अब विकास का अर्थ केवल योजनाएं नहीं, बल्कि जनता की सुविधा, सम्मान और जीवन की गुणवत्ता है। जब सरकार और जनता मिलकर आगे बढ़ती है, तभी सच्चे अर्थों में सुशासन और मानवीय विकास संभव हो पाता है।

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