Bihar Assembly: बिहार की महिलाओं के हाथ में रोजगार की चाभी, मंत्री श्रवण कुमार ने बताया, इस मामले में पहला राज्य
बिहार विधानसभा में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार पहला राज्य है जहां महिलाओं को रोजगार चुनने की आजादी है। जीविका योजना के तहत महिलाओं को रोजगार क ...और पढ़ें

विधानसभा में सरकार का पक्ष रखते मंत्री श्रवण कुमार। सौ- सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly: बिहार के ग्रामीण एवं परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी में शामिल ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांग पर सरकार का पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां महिलाएं अपनी सुविधा के अनुसार रोजगार चुन सकती हैं। जीविका दीदियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है।
जीविका दीदी दे रही अन्य राज्यों में प्रशिक्षण
आज जीविका दीदी बिहार ही नहीं कई पड़ोसी राज्य जैसे झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और असम राज्यों में भी स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं।
उन्होंने सदन को बताया कि जीविका परियोजना के तहत शुरू मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत पसंदीदा रोजगार के लिए प्रत्येक परिवार की एक महिला को 10 लाख रुपये दिए जा रहे हैं।
कारोबार प्रारंभ होने पर इन्हें और दो लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी अभियान के तहत आजीविका प्रशिक्षण के बाद 31.71 लाख जीविका दीदियों को लखपति दीदी घोषित किया गया है।
सरकार ने कहा 31 लाख बन चुकी हैं लखपति दीदी
मंत्री ने कहा आज जीविका परियोजना से जुड़े परिवारों की औसत वार्षिक आय 35,968 रुपये से बढ़कर 46,758 रुपये हो गई है। जबकि परिवारों पर कर्ज का बोझ 50 प्रतिशत से घटकर मात्र सात प्रतिशत रह गया है।
उन्होंने कहा जीविका आज एक 1.40 करोड़ से अधिक ग्रामीण एवं शहरी परिवारों के आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम बन चुकी हैं।
श्रवण कुमार ने जीविका दीदियों द्वारा किए जा रहे कार्यो का हवाला देकर कहा अब कृषि क्षेत्र में भी जीविका दीदियों का दबदबा बढ़ा है। महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए हाट-बाजार विकसित किए जा रहे हैं।
बिहार की जीविका दीदियों उद्यमशीलता की मिसाल हैं। मंत्री ने सदन में गर्व से कहा कि आज बिहार की जीविका दीदी सिर्फ अपने परिवार और राज्य को नहीं, पूरे देश को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रही हैं।

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