बिहार में निगरानी ब्यूरो की आक्रामक कार्रवाई, 2025 में 113 ट्रैप केस; 100 से अधिक रिश्वतखोर गिरफ्तार
बिहार में निगरानी ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए वर्ष 2025 में 113 ट्रैप केस दर्ज किए हैं, जिनमें 100 से अधिक रिश्वत लेने वाले ग ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस नीति के तहत राज्य में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्रवाई लगातार तेज और आक्रामक होती जा रही है। बीते एक वर्ष के दौरान रिश्वतखोरी और आय से अधिक संपत्ति अर्जन के मामलों में हुई कार्रवाई ने साफ संकेत दे दिया है कि भ्रष्ट लोक सेवकों से कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
निगरानी ने अकेले 2025 में कुल 113 ट्रैप मामलों को अंजाम दिया। इन मामलों में 92 प्राथमिकी दर्ज की गई और 100 से अधिक रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इन सभी के पास से कुल साढ़े 35 लाख रुपये से अधिक की रिश्वत की राशि बरामद की गई।
सरकार की जीरो टालरेंस नीति का पालन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की जीरो टालरेंस नीति के अनुरूप निगरानी अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रही है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि आम जनता से जुड़े कार्यों में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी नीति के तहत निगरानी ब्यूरो को न सिर्फ ट्रैप मामलों में तेजी लाई बल्कि आय से अधिक संपत्ति अर्जन जैसे गंभीर अपराधों पर भी कड़ी कार्रवाई की है।
जमीन से संबंधित मामलों में सर्वाधिक भ्रष्टाचार
निगरानी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिश्वतखोरी सर्वाधिक मामले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हैं। जमीन की मापी, दाखिल-खारिज, जमाबंदी सुधार और रसीद निर्गत करने जैसे मामलों में रिश्वत की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग ग्रामीण कार्य विभाग और पथ निर्माण तथा भवन निर्माण विभाग भी ऐसी शिकायतें आम हैं।
आय से अधिक संपत्ति मामले में इस वर्ष 13 कार्रवाई
आय से अधिक संपत्ति अर्जन के मामलों में भी निगरानी ब्यूरो ने एक साल में 13 बड़ी कार्रवाई की है। जिसमें करीब 12.77 करोड़ रुपये की राशि के मामले सामने आए। इनमें एक प्रमुख मामला एक इंजीनियर से जुड़ा है, जिसने अवैध तरीके से करीब 2.17 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। छापेमारी के दौरान उसके ठिकानों से नकदी, जमीन के कागजात, बैंक खातों और निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
आंकड़ों में इस वर्ष निगरानी की कार्रवाई
- 17 दिसंबर तक भ्रष्टाचार के खिलाफ एफआइआर - 113
- इस वर्ष अब तक 92 ट्रैप, 100 आरोपित रंगे हाथ गिरफ्तार
- निगरानी ने रिश्वत की 35,51,500 रुपये की रकम बरामद की
- सबसे अधिक रिश्वत की राशि जो बरामद हुई तीन लाख रुपये
- अगस्त 27 को एक दिन में चार ट्रैप, चार हुए किए गए गिरफ्तार
- इस वर्ष आय से अधिक संपत्ति के 15 कांड दर्ज किए गए
- राजस्व भूमि सुधार अफसरों के खिलाफ तीन मामले
- ग्रामीण कार्य इंजीनियरों के खिलाफ दो मामले
- पुलिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ दो मामले
न्यायालय में भ्रष्टाचार के 29 मामलों पर हुई सुनवाई
इस वर्ष न्यायालय में भ्रष्टाचार के 29 मामलों में सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई। 28 मामलों में दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई की गई। पिछले 25 वर्षो में दोषसिद्ध की सबसे अधिक कार्रवाई इस वर्ष की गई।

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