Bihar: राबड़ी-सिद्दीकी से भिड़े अशोक चौधरी, सदन में दे दी पोल खोलने की धमकी; फिर जो हुआ...
बिहार विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad) में विपक्षी नेताओं और ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के बीच तीखी बहस हुई। राबड़ी देवी ने अशोक चौधरी पर फिरौती वसूलने का आरोप लगाया जबकि अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मंत्री को उकसाने का आरोप लगाया। इस दौरान दोनों के बीच गहमागहमी और व्यक्तिगत टिप्पणी भी हुई। अंततः सभापति ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad) में हंगामे के बीच विपक्ष के निशाने पर सबसे अधिक ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी रहे। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) और अब्दुल बारी सिद्दीकी दोनों ही नेताओं से अशोक चौधरी की नोकझोंक हुई। पोल खोलने से लेकर फिरौती वसूलने तक की धमकी और आरोप लगे।
पहली पाली में विपक्ष जब सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के बाद दोबारा लौटा तो अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे कुछ नेता उचक-उचक कर विपक्ष को प्रोवोक (उकसाते) करते हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहता। इस पर अशोक चौधरी ने संसदीय मर्यादा को लेकर कुछ टिप्पणी की।
'हम बहुत सी चीज सदन में खोलना नहीं चाहते'
इस पर सिद्दीकी ने कहा कि अगर संसदीय मर्यादा मुझे आपसे सीखनी पड़े तो अफसोस की बात है। हम बहुत सी चीज सदन में खोलना नहीं चाहते। इस पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि खोलिए न भाई। सिद्दीकी ने कहा कि यही मंत्री का चरित्र है। सदन में अशोक चौधरी और राबड़ी देवी के बीच भी तीखी बहस हुई।
'फिरौती तो अशोक चौधरी वसूलत हैं...'
राजद नेता के फिरौती मांगने के आरोप पर राबड़ी देवी ने कहा कि फिरौती तो अशोक चौधरी वसूलत हैं। पहले कांग्रेस को लूटा और अब जदयू को लूट रहे हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि मंत्री संतोष सिंह ने राजद नेता के फिरौती मांगने की बात कही है।
राबड़ी देवी ने फिर जवाब दिया- बैइठ जा! कितना पानी में बाड़अ जाना तानी। सब जानते हैं कि क्या करते हैं। अशोक चौधरी ने निजी टीका-टिप्पणी पर ऐतराज जताया। इसके बाद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने हस्तक्षेप पर मामले को शांत कराया।
सुनील पर भड़के बिजेंद्र, बोले- बिहार को दोनों सदन के नेता प्रतिपक्ष ने किया कलंकित
विधान परिषद में गुरुवार को भोजनावकाश के उपरांत बजट पर सरकार के उत्तर के दौरान राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह की टिप्पणी पर ऊर्जा मंत्री ऊर्जा बिजेंद्र यादव भड़क गए। उन्होंंने विपक्ष को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
मंत्री ने सभापति अवधेश नारायण सिंह का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि सुनिल सिंह बहुत ज्यादे बोल रहे थे। बिहार के इतिहास में पहली बार, विरोधी दल के नेता, चाहे इस सदन के हो कि उस सदन के हो, ईडी (प्रवर्तन निदेशायल) के द्वारा लैंड फॉर गवर्नमेंट जॉब मामले में पूछताछ की जा रही है। इन लोगों ने बिहार को कलंकित किया है। बिहार के इतिहास में, कलंक का विषय है। यह लोकतंत्र की धरती है।
दुनिया का सबसे बड़ा ताकतवर बादशाह, आज के भारत से विशाल भारत, अफगानिस्तान भी इसका हिस्सा था, पाकिस्तान-बांग्लाादेश नहीं था तब। चंद्रगुप्त मौर्य यहां के शासक थे। यह इतिहास की धरती है, ऐतिहासिक धरोहर है। महात्मा गांधी राष्ट्रपिता यहीं आकर बने जबकि गुजरात में पैदा हुए। इस इतिहास को कलंकित करने का काम दोनों सदन के नेता प्रतिपक्ष ने किया है।
मंत्री ने कहा- कहावत है हमलोगों के मिथिला में कि घर का मालिक अगर ईमानदार हो तो उस घर में बरक्कत की कमी नहीं आती है, नौकर-चाकर थोड़ा बहुत चोरी-चपाटी करता है, लेकिन मालिक ही बेईमान हो तो क्या होगा। जो अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पाया, आज वह नए बिहार के निर्माण की गति देने की बात कर रहा है। मां-बाप कुछ नहीं किया, बेटा क्या करेगा, लोग इसको खूब अच्छी तरह से जानता है।
इससे पहले उन्होंने कहा कि राजद के कार्यकाल में बिजली की दुर्दशा थी। वर्तमान सीएम स्वयं इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। इनके नेतृत्व में बिजली के क्षेत्र में बिहार और देश को अवार्ड मिल चुके हैं। इस दौरान सदन से विपक्षी दल के सभी विधान पार्षद बजट का विरोध करते हुए वाक आउट कर गए।
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