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    Bihar Tourism: राज्‍य सरकार देगी 2 करोड़ से 15 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी, करना होगा ये काम

    By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain
    Updated: Tue, 21 Nov 2023 12:59 PM (IST)

    राज्य में पर्यटन केंद्रों को विकसित करने और पर्यटन क्षेत्र में निवेश लाने के लिए नई पर्यटन नीति का खाका तैयार कर लिया गया है। इसमें पर्यटन केंद्रों के दस किलोमीटर के दायरे में निवेश पर सरकार की ओर से अधिकतम 30 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्राविधान किया गया है। अनुदान अधिकतम दो करोड़ से 15 करोड़ रुपये तक होगा।

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    गोपालगंज जिले में स्थित थावे देवी मंद‍िर। (फोटो- सौ. बिहार सरकार)

    कुमार रजत, पटना। राज्य में पर्यटन केंद्रों को विकसित करने और पर्यटन क्षेत्र में निवेश लाने के लिए नई पर्यटन नीति का खाका तैयार कर लिया गया है।

    इसमें पर्यटन केंद्रों के दस किलोमीटर के दायरे में निवेश पर सरकार की ओर से अधिकतम 30 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्राविधान किया गया है। अनुदान अधिकतम दो करोड़ से 15 करोड़ रुपये तक होगा।

    इसके तहत पर्यटन केंद्रों के पास होटल-रिजार्ट, हेरिटेज होटल, वेलनेस सेंटर, थीम एवं मनोरंजन पार्क, गोल्फ कोर्स, कन्वेंशन सेंटर, लग्जरी ढाबा-रेस्तरां आदि प्रोजेक्ट पर काम होगा। इसके अलावा इको टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म प्रोजेक्ट पर भी अनुदान मिलेगा।

    21 जिलों के महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्रों की सूची तैयार

    विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस योजना के लिए 21 जिलों के महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्रों की सूची भी तैयार कर ली गई है।

    गया, बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली और वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्रों के दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले प्रोजेक्ट पर पांच प्रतिशत तक अतिरिक्त प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा।

    पटना नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रोजेक्ट पर इस पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। यह काम निजी क्षेत्र की मदद से पूरे किए जाएंगे जिनके चयन के बाद सरकार अनुदान देगी।

    इन पर्यटन केंद्रों के आसपास प्रोजेक्ट पर अनुदान

    पश्चिमी चंपारण का लौरिया नंदनगढ़, वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व, भितिहरवा गांधी आश्रम, अमवामन झील। पूर्वी चंपारण का केसरिया, अरेराज, आरवेल का जन्मस्थान, लेक टाऊन।

    सीतामढ़ी का पुनौराधाम। गोपालगंज का थावे मंदिर। सारण का अमि दरबार, चिरांद, हरिहर क्षेत्र। मधेपुरा का सिंहेश्वर स्थान।

    वैशाली का अशोक पिलर, विश्व शांति स्तूप और कोल्हुआ बौद्ध स्तूप। नालंदा का खंडहर, कुंडलपुर, पावापुरी जलमंदिर, घोड़ा कटोरा, व्हेन सांग मेमोरियल हॉल।

    राजगीर का गृद्धकूट पर्वत, साइक्लोपियन दीवार। पटना का मनेरशरीफ। बेगूसराय का कांवर झील, जयमंगलगढ़। भागलपुर का विक्रमशिला विश्वविद्यालय, नाथनगर जैन मंदिर, डॉल्फिन सेंचुरी, सुल्तानगंज अजगैबीनाथ मंदिर।

    ये स्‍थल भी किए गए शामिल

    जहानाबाद का वाणावर, बीबी कमल का मकबरा, बराबर गुफाएं। मुंगेर का भीम बांध, मुंगेर किला। कैमूर का तेल्हाड़ा कुंड, करकटगढ़ झरना, मुंडेश्वरी मंदिर। रोहतास का धुआं कुंड, रोहतासगढ़ किला, मंझर कुंड झरना, तुतला भवानी, कशिश झरना, शेरशाह मकबरा, शेरशाह का किला, करमचट डैम, इंद्रपुरी डैम।

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    औरंगाबाद का देव सूर्य मंदिर, अमझर शरीफ दरगाह, उमंगा मंदिर। गया का डुंगेश्वरी मंदिर, विष्णुपद मंदिर, महाबोधि मंदिर, निरंजना रिवरफ्रंट, ब्रह्मयोनि, पत्थरकट्टी, सुजाता कुटिर। नवादा का ककोलत झरना। जमुई का लछौर जैन मंदिर, नागी-नकटी डैम। बांका का ओढ़नी डैम और मंदार की पहाड़ी।

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