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     Sugar Mills Reopen : बिहार में बंद पड़ी सकरी और रैयाम चीनी मिलें होंगी फिर से चालू, सहकारिता मॉडल से मिलेगा किसानों को लाभ

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 09:40 PM (IST)

    बिहार सरकार ने सकरी और रैयाम चीनी मिलों को सहकारी मॉडल पर फिर से चालू करने का बड़ा कदम उठाया है। सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि इससे गन्ना क ...और पढ़ें

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    सकरी और रैयाम चीनी मिलों का होगा संचालन

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में वर्षों से बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर तैयार किए गए नए मास्टर प्लान के तहत अब सकरी और रैयाम चीनी मिलों का संचालन सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाएगा। सचिवालय स्थित सहकारिता विभाग के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि दोनों बंद चीनी मिलों को पूर्ण रूप से चालू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

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    मंत्री ने स्पष्ट किया कि सकरी और रैयाम चीनी मिलों को सहकारी मॉडल पर चलाने की योजना है। इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के बाद कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी।

    कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उसके बाद मिलों के संचालन की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

    उन्होंने कहा कि इससे न केवल गन्ना किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

    प्रेस वार्ता के दौरान सहकारिता मंत्री ने खरीफ विपणन मौसम 2025-26 की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निर्धारित लक्ष्य 36.85 लाख मीट्रिक टन के विरुद्ध अब तक 6620 समितियों के माध्यम से प्रदेश के 1.32 लाख किसानों से 9.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।

    इसके बदले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 1755 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है।

    28 फरवरी 2026 तक जारी रहेगा धान क्रय कार्य

    मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि राज्य में किसानों से धान खरीदने का कार्य 28 फरवरी 2026 तक जारी रहेगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि धान बेचने के इच्छुक किसानों की सूची तैयार कर तिथि निर्धारित की जाए, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

    उन्होंने कहा कि किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही, किसानों की शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।

    उन्होंने बताया कि राज्य की सहकारी समितियों के माध्यम से भंडारण क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। अब तक 7221 गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है।

    इसके अलावा वर्ष 2025-26 में 278 नए गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिनमें 200, 500 और 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम शामिल हैं। इनसे कुल 2.49 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता का सृजन होगा।

    पैक्स सदस्यता और जागरूकता अभियान

    सहकारिता मंत्री ने बताया कि पैक्स को मजबूत बनाने के उद्देश्य से दो जनवरी से राज्य के सभी पंचायतों में पैक्स सदस्यता सह जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

    इसका उद्देश्य पैक्स में अधिक से अधिक किसानों और ग्रामीणों को जोड़ना है, ताकि सहकारी व्यवस्था को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाया जा सके।

    पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना

    मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सहकारिता विभाग के माध्यम से कुल 25 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना के तहत राज्य के 114 प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों में आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है।

    इसके अंतर्गत कोल्ड स्टोरेज, 20 मीट्रिक टन क्षमता वाले ड्राई कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग-ग्रेडिंग-पैकिंग यूनिट और प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधाओं का विस्तार शामिल है। इससे फसल के बाद होने वाले नुकसान में उल्लेखनीय कमी आएगी।

    उन्होंने बताया कि मुंगेर जिले के पांच प्रखंडों में भी इस तरह की आधारभूत संरचना के निर्माण को स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 300 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य के 6292 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें से 5262 पैक्स पूरी तरह क्रियाशील हैं।

    पैक्सों के माध्यम से अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय किया जा चुका है। स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के जरिए 24 लोगों को 75 लाख रुपये का गोल्ड लोन भी दिया गया है।

    सहकारिता विभाग से जुड़ेंगी नई योजनाएं

    मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सहकारिता विभाग के माध्यम से कई नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। इनमें मेगा फूड पार्क, प्रोसेसिंग यूनिट, पॉली हाउस, रीफर गाड़ियों की खरीद, पैकेजिंग हाउस, डिहाइड्रेशन यूनिट, हल्दी और टमाटर प्रसंस्करण यूनिट जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं से कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन होगा और किसानों की आय बढ़ेगी।

    फसल सहायता योजना से लाखों किसानों को राहत

    सहकारिता मंत्री ने बताया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत खरीफ और रबी दोनों मौसमों में कई फसलों को आच्छादित किया गया है।

    योजना के तहत अब तक 33.19 लाख किसानों को कुल 2206.84 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह योजना प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है।

    प्रेस वार्ता में विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह, अपर सचिव अभय कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से किसानों, ग्रामीणों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।