बिहार के 360 प्रखंडों में स्थापित होंगे एक-एक डिग्री महाविद्यालय, छात्रों को मिलेगी बेहतर शिक्षा
बिहार सरकार ने राज्य के 360 प्रखंडों में एक-एक डिग्री महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह कदम उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों को उनके ...और पढ़ें

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार में उच्च शिक्षा को तेज रफ्तार देने के लिए नीतीश सरकार तेजी से कार्य कर रही है। उच्च शिक्षा विभाग के गठन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित कार्य योजना पर विमर्श के उपरांत उसे तेजी से लागू करने की सहमति दी है।
खास बात यह कि राज्य में उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाने के उद्देश्य से 360 प्रखंडों में तमाम सुविधाओं से युक्त एक-एक डिग्री महाविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इसके लिए बजट का स्वरूप भी तय गया है। भवनों के निर्माण समेत तमाम शैक्षणिक एवं आधारभूत संरचना के विकास पर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।
वर्तमान में राज्य के कुल 534 प्रखंडों में से 174 प्रखंडों में ही डिग्री महाविद्यालय संचालित हैं। इसमें अंगीभूत डिग्री महाविद्यालय और अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शामिल हैं। जिन 360 प्रखंड डिग्री महाविद्यालय नहीं हैं उनमें डिग्री महाविद्यालय स्थापित करने की योजना पर काम तेजी से प्रारंभ होगा।
चूंकि केंद्र सरकार ने वर्ष 2035 तक देश के उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य तय कर रखा है।
वहीं, बिहार सरकार का भी राज्य में उच्च शिक्षा के 20 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात को बढ़ा कर 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य है, इसलिए राज्य में चिह्नित किए गए प्रखंडों में एक-एक डिग्री महाविद्यालय को स्थापित करने की योजना है, जबकि मुख्यमंत्री के समक्ष यह भी तय हुआ कि प्रदेश के पुराने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाएं।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के लिए अब पुराने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को चिह्नित करने की कार्रवाई शुरू की गई है। यह नवगठित उच्च शिक्षा विभाग की दूसरी महत्वपूर्ण योजना होगी।
नए साल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तमाम कार्य योजनाओं पर तेजी से अमल किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष उच्च शिक्षा की बेहतरी को लेकर जो रोडमैप प्रस्तुत किया है, उसमें विभाग की संरचना, उच्च शिक्षा निदेशालय व उसके कार्य, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं शोध संस्थानों की स्थिति, भाषायी अकादमियों का पुनर्गठन और उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के तहत किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों तथा भावी योजनाओं पर खास तौर पर फोकस किया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित सात निश्चय-3 के चौथे निश्चय उन्नत शिक्षा-उज्ज्वल भविष्य में राज्य के पुराने प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाना तथा प्रदेश में नयी एजुकेशन सिटी का निर्माण किया जाना शामिल है।
व्यवस्थित किए जाएंगे होंगे कोचिंग संस्थान, बनेगी एजुकेशन सिटी
राज्य में कोचिंग संस्थानों को भी व्यवस्थित करने के लिए एक नयी एजुकेशन सिटी बनेगी। इससे संबंधित उच्च शिक्षा विभाग ने कार्य योजना तैयार की है। इस योजना के तहत एक नयी एजुकेशन सिटी बनेगी।
माना जा रहा है कि योजना के तहत कोचिंग संस्थानों को राजस्थान के कोटा की तर्ज पर व्यवस्थित करते हुए नई एजुकेशन सिटी का निर्माण होगा। वहीं कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जनवरी में नई कोचिंग पॉलिसी भी लागू होगी। प्रस्तावित कोचिंग पॉलिसी को मंत्रिमंडल से स्वीकृति भी जल्द ली जाएगी।

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