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    Bihar : दिसंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर 19.1 प्रतिशत पर पहुंची, ढाई साल में दूसरी बार रोजगार के अवसर इतने कम हुए

    By Arun AsheshEdited By: Prateek Jain
    Updated: Tue, 03 Jan 2023 12:21 AM (IST)

    राज्य में बेरोजगारी दर बढ़कर दिसंबर में 19.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकानामी की रिपोर्ट में के मुताबकि दिसंबर महीने में काम में कमी आई। अगर कोरोना के पहले दौर से तुलना करें तो ढाई साल में रोजगार के अवसर दूसरी बार इतने कम हुए।

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    राज्य में बेरोजगारी दर बढ़कर दिसंबर में 19.1 प्रतिशत पर पहुंच गई।

    पटना, राज्य ब्यूरो: राज्य में बेरोजगारी दर बढ़ रही है। दिसंबर में यह 19.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकानामी की रिपोर्ट में के मुताबकि दिसंबर महीने में काम में कमी आई। अगर कोरोना के पहले दौर से तुलना करें तो ढाई साल में रोजगार के अवसर दूसरी बार इतने कम हुए।

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    मार्च 2020 के तीसरे सप्ताह में देशव्यापी लाकडाउन लगा था। उस साल अप्रैल और मई में बेरोजगारी दर क्रमश: 46 और 46.6 प्रतिशत थी। जून से हालत सुधरने लगे थे, जिससे खास कर मनरेगा और दूसरी योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन हुआ था।

    कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए श्रमिक काम कर लेते थे। अप्रैल और मई में बेरोजगारी दर उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद जून में 17.8 प्रतिशत पर आ गया था। उसके बाद सिर्फ 2022 के अप्रैल महीने में 21 प्रतिशत पर पहुंचा था। इस अपवाद को छोड़ दें तो जून 2020 और दिसंबर 2022 के बीच बेरोजगारी दर नौ से 18.8 प्रतिशत के बीच रही। अक्टूबर 2020 में तो यह 9.8 प्रतिशत पर आ गई थी।

    निर्माण क्षेत्र में सुस्ती

    दैनिक मजदूरों के सामने रोजगार की कमी का एक कारण निर्माण क्षेत्र की सुस्ती भी मानी जा सकती है। निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बालू की अबाधित आपूर्ति अब भी शुरू नहीं हो सकी है। दूसरा कारण यह कि खरमास के कारण नए निर्माण शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इस महीने के मध्य में खरमास समाप्त होगा तो निर्माण क्षेत्र में कुछ तेजी आने की संभावना है।

    मनरेगा में भी काम की कमी

    केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत 15 करोड़ श्रम दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। राज्य सरकार के आग्रह पर 10 करोड़ अतिरिक्त श्रम दिवस सृजित किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के मुताबिक, अतिरिक्त श्रम दिवस के सृजन की समय पर सूचना न मिलने के कारण मनरेगा प्रभावित हुआ। उन्हें उम्मीद है कि जनवरी में इस योजना के माध्यम से बहुत काम मिलेगा। बेरोजगारी दर में कमी भी आ जाएगी।

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