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    Bihar Teachers: गुरुजी हो जाएं सावधान; रील का चस्‍का दे सकता है झटका, व‍िभाग ने द‍िया है न‍िर्देश

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 09:37 PM (IST)

    बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों द्वारा सोशल मीडिया पर रील बनाने के चलन को गंभीरता से लिया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने ऐसे शिक्षकों और लापरवाह अधिक ...और पढ़ें

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    सरकारी स्‍कूलों के श‍िक्षकों पर रखी जाएगी नजर। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालने का क्रेज युवाओं में ही नहीं बल्‍क‍ि पदाधिकारी, नेताओं में भी खूब देखा जा रहा है। 

    शिक्षक भी इससे अछूते नहीं हैं। कई शिक्षक तो नियमित रूप से रील बनाकर उसे इंस्‍टाग्राम, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर अपलोड करते रहते हैं। 

    शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों द्वारा रील बनाने के मामले को गंभीरता से लिया है। इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों तथा जिलाधिकारियों को दिया है।

    शिक्षकों द्वारा रील बनाने संबंधी सवाल पर सोमवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि यह गंभीर मामला है और संबंधित शिक्षकों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    उन्होंने कहा कि जो भी शिक्षक और कर्मचारी गलत करते पकड़े जाएंगे उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। इस मामले में अगर पदाधिकारी लापरवाही बरतेंगे तो उन पर भी कार्रवाई होगी।

    जिला स्थानंतरण वाले शिक्षकाें का नहीं हो रहा प्रखंड आवंटन

    जागरण संवाददाता, पटना। सरकारी स्कूल के शिक्षकों का जिला स्थानांतरण हुए छह माह से अधिक हो गए है, लेकिन इनका अबतक प्रखंड आवंटन नहीं हुआ।

    पटना जिले में 12 सौ से अधिक शिक्षक है जिनका स्थानांतरण पटना जिला में किया गया है। जबकि शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि जिला स्थानांतरण वाले शिक्षकों को प्रखंड और स्कूल आवंटित कर इसकी सूची ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किया जाए।

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    इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी साकेत रंजन ने कहा कि जिला स्थानांतरण वाले शिक्षकों का निर्णय जिला पदाधिकारी स्तर पर होना है। इस पर जिला पदाधिकारी की कमेटी निर्णय लेगी।

    40 प्रतिशत दिव्यांगता वाले शिक्षक किए गए अनुशंसित

    जिला और प्रखंड स्थानांतरण वाले दिव्यांग शिक्षकों की अनुशंसा सूची में गड़बड़ी किए जाने की शिकायत मिली है। नियमानुसार 45 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले शिक्षकों का सबसे पहले स्थानांतरण किया जाना है।

    समाहरणालय स्तर पर विभागीय जांच के बाद वैसे दिव्यांग शिक्षकों को स्थानांतरण करने के लिए अनुशंसा की गई जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत है।

    इस सूची में करीब आधा दर्जन शिक्षक शामिल है। जबकि 45 प्रतिशत दिव्यांगता वाले शिक्षकों के नाम के आगे '' अनुशंसित नहीं '' शब्द लिखा गया है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि इस पर जिला समाहरणालय की कमेटी निर्णय लेती है।