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    Bihar Shiksha Sevak: KK Pathak ने दोगुना किया 27 हजार शिक्षा सेवकों का मानदेय, अक्‍टूबर से मिलेंगे ₹ 22 हजार

    By Dina Nath SahaniEdited By: Prateek Jain
    Updated: Fri, 22 Sep 2023 11:42 PM (IST)

    Bihar Tola Sevak Salary Doubled राज्य के 27 हजार शिक्षा सेवकों को बढ़ा मानदेय अक्टूबर से मिलेगा। इसी सप्ताह राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षा सेवकों को 11 हजार की जगह 22 हजार रुपये मानदेय बढ़ाया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश से करीब 27 हजार शिक्षा सेवकों को तत्काल लाभ मिलेगा।

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    Bihar Shiksha Sevak: KK Pathak ने दोगुना किया 27 हजार शिक्षा सेवकों का मानदेय, अक्‍टूबर से मिलेंगे ₹ 22 हजार

    Bihar Tola Sevak Mandey 2023: राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य के 27 हजार शिक्षा सेवकों को बढ़ा मानदेय अक्टूबर से मिलेगा। इसी सप्ताह राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षा सेवकों को 11 हजार की जगह 22 हजार रुपये मानदेय बढ़ाया है।

    इस संबंध में शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश से करीब 27 हजार शिक्षा सेवकों को तत्काल लाभ मिलेगा।

    शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हस्ताक्षर से जारी निर्देश में कहा गया है कि शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) को अभी मासिक मानदेय 11 हजार दिया जा रहा है।

    एक जुलाई से की गई वृद्धि

    इसके अतिरिक्त इन्हें ईपीएफ का लाभ दिया जा रहा है, जिसके तहत मानदेय का 13 प्रतिशत अर्थात 1430 राज्य सरकार द्वारा मानदेय के अतिरिक्त दिया जा रहा है।

    अक्टूबर से इन सभी का मानदेय 22 हजार प्रतिमाह करने तथा राज्य सरकार द्वारा ईपीएफ के लिए समानुपातिक अंशदान की वृद्धि के साथ ही एक जुलाई से प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की स्वीकृति प्रदान की जाती है।

    वैसे शिक्षा सेवक को पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का लाभ मिलेगा, जिन्होंने न्यूनतम एक वर्ष की निर्बाध सेवा दी हो।

    योजना से होगा ये लाभ

    जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा समाज के अभिवंचित वर्ग के बच्चों ओर महिलाओं के शिक्षा से जोड़ने के लिए महादलित, दलित एवं अल्पसंक्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना चलाई जा रही है।

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    इस योजना से अपेक्षा है कि महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करेंगे, असाक्षर महिलाएं साक्षर बनेंगी और ये समाज के मुख्यधारा में शामिल होंगी।

    इस योजना में कार्यरत सभी शिक्षा सेवक महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग से ही आते हैं और उन्हीं के बीच काम करते हैं।

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