बिहार में बालू भंडारों की होगी जांच, शिकायत मिलने के बाद नीतीश सरकार का सख्त रुख, होगा एक्शन
बिहार में बालू भंडारों की जांच के आदेश दिए गए हैं। शिकायत मिलने के बाद नीतीश सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार अवैध खनन पर कार्रवाई करेगी। बालू के अ ...और पढ़ें

बालू के अवैध भंडारण पर नीतीश सरकार सख्त। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बालू खनन एवं बंदोबस्त व्यवस्था को पारदर्शी और नियम सम्मत बनाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।
अनाधिकृत रूप से कैपिंग जोड़नेवाले लाइसेंसधारी बालू बंदोबस्त धारियों के बालू भंडार की विशेष जांच कराई जाएगी। जांच में नियमों के उल्लंघन की पुष्टि होने पर संबंधित बंदोबस्तधारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
क्षमता से अधिक भंडारण व कैपिंग की थी शिकायत
खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई बालू घाटों पर निर्धारित क्षमता से अधिक भंडारण और बिना अनुमति कैपिंग (रोक लगाना) किए जाने की शिकायतें मिली थीं।
इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बालू भंडार का भौतिक सत्यापन करें और रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराएं।
जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि स्वीकृत क्षेत्र के बाहर तो बालू का भंडारण नहीं किया जा रहा है और पर्यावरणीय मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।
लाइसेंसधारियों पर भी कसेगा शिकंजा
इसके अलावा विभाग ने बंदोबस्त की किश्त की राशि समय पर जमा नहीं करने वाले लाइसेंसधारियों पर भी शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। ऐसे सभी बंदोबस्तधारियों को नोटिस जारी किया जाएगा और निर्धारित समय-सीमा के भीतर बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया जाएगा।
तय अवधि में भुगतान नहीं करने पर आर्थिक दंड के साथ-साथ बंदोबस्त रद्द करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। सरकार का स्पष्ट कहना है कि बालू खनन में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नियमों का पालन सुनिश्चित कर राजस्व बढ़ाने और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। राज्य में बालू, मिट्टी आदि पर सरकार काफी गंभीर है। इसमें किसी तरह की अनियमितता रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब स्टॉक की जांच और कैपिंग पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया है।

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