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    सकरी और रैयाम चीनी मिल पर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, संचालन के लिए तय हाे गया व‍िभाग

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:56 PM (IST)

    नीतीश सरकार ने मधुबनी की सकरी और दरभंगा की रैयाम चीनी मिलों को सहकारिता विभाग के माध्यम से फिर से संचालित करने का निर्णय लिया है। मंत्री प्रमोद कुमार ...और पढ़ें

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    सकरी चीनी मिल के दिन बहुरने के आसार। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, पटना। मधुबनी जिले की बंद सकरी चीनी मिल और दरभंगा जिले की बंद रैयाम चीनी मिल का संचालन सहकारिता विभाग के माध्यम से होगा।

    दोनों चीनी मिलों को संचालन के लिए सहकारिता विभाग को देने का निर्णय सरकार के स्तर से लिया गया है। इसके लिए विभाग के स्तर से कार्य योजना तैयार की जा रही है।

    दोनों चीनी मिलों के संचालन सहकारी समितियों के माध्यम से कराया जाएगा। मंगलवार को सहकारिता और पर्यावरण,
    वन तथा जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डा. प्रमोद कुमार ने इसकी जानकारी दी। इस मौके पर सचिव धर्मेन्द्र सिंह, अपर सचिव अभय कुमार सिंह एवं संयुक्त सचिव कामेश्वर ठाकुर मौजूद थे। 

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    विभागीय कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि राज्य की दो बंद पड़ी चीनी मिलों को सहकारिता विभाग के माध्यम से संचालित करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।

    हालांकि, कैबिनेट से इस प्रस्ताव पर अंतिम रूप से स्वीकृति मिलने के बाद ही सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद ही चीनी मिलों के संचालन की प्रक्रिया शुरू होगी। 

    केंद्र से बिहार में 45 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य करने की मांग

    सचिव धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार से खरीफ विपणन मौसम 2025-26 में धान अधिप्राप्ति का निर्धारित लक्ष्य 36.85 लाख टन है, इसे बढ़ाकर 45 लाख टन करने हेतु केंद्र सरकार से मांग की गई है। 

    इस बाबत पत्र भी लिखा गया है जिस पर केंद्र का सकारात्मक उत्तर मिला है। फिलहाल राज्य में 6620 सहकारी समितियों ने 1.32 लाख किसानों से 9.53 लाख टन धान की खरीद की है।

    वहीं किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 1755 करोड़ रुपये का भुगतान उनके खाते में कर दिया गया है। 28 फरवरी तक समितियों के माध्यम से किसानों का धान क्रय किया जाएगा।

    उन्होंने बताया कि धान बेचने के इच्छुक किसानों की सूची बनाने और उनके लिए तिथि का निर्धारण कर धान क्रय करने का निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दी गई है।

    किसानों को 48 घंटे में राशि का भुगतान किया जा रहा है। किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।