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    चेतन भगत की 'हाफ गर्लफ्रेंड' पर तीन करोड़ का मानहानि मुकदमा, जानिए

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Sun, 16 Apr 2017 10:49 PM (IST)

    बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव राजपरिवार के सदस्यों ने चेतन भगत पर तीन करोड़ रुपये की मानहानि का केस किया है। उनका कहना है कि किताब में लिखीं बातें सही नहीं, हमारा अपमान हुआ है।

    चेतन भगत की 'हाफ गर्लफ्रेंड' पर तीन करोड़ का मानहानि मुकदमा, जानिए

     पटना [जेएनएन]। हिन्दी फिल्म 'हाफ गर्लफ्रेंड' का ट्रेलर रिलीज होने के बाद यह फिल्म अगले महीने रिलीज होगी। यह फिल्म फेमस राइटर चेतन भगत के नॉवेल 'हाफ गर्लफ्रेंड' पर आधारित है। लेकिन फिल्म रिलीज होने से पहले ही इस नॉवेल पर बक्सर जिले के डुमरांव महाराज परिवार ने 3 करोड़ रुपए की मानहानि का केस दर्ज किया है।

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    इसका केस दिल्ली जिला कोर्ट में चल रहा है, जिसकी अगली सुनवाई मई में होने वाली है। इस विवाद के बारे में डुमरांव राज परिवार के युवराज चंद्र विजय सिंह के बेटे शिवांग विजय सिंह ने चेतन भगत पर राजपरिवार की गलत छवि पेश करने का आरोप लगाया। 

    शिवांग विजय सिंह ने कहा- "चेतन के नॉवेल में हमारे परिवार के बारे में गलत बातें लिखी हैं इससे समाज में गलत मैसेज गया है। चेतन ने मेरे परिवार को शराबी बताया है। यह सरासर गलत है। यह भी लिखा गया है कि हमलोगों को अंग्रेजी पढ़ने और बोलने नहीं आती है। मेरे परिवार को राजपूत के बदले ब्राह्मण जाति का बताया गया है।" 

    उन्होंने कहा कि  "अगर इस फिल्म में कहीं भी विवादित बातों का जिक्र हुआ तो इसके खिलाफ भी केस करेंगे और प्रदर्शन करेंगे।" युवराज चंद्र विजय सिंह ने चेतन भगत पर दिल्ली में 3 करोड़ रुपए के मानहानि का केस दर्ज किया है।

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    विजय सिंह ने कहा- "उनके परिवार के बारे में इस किताब में लिखी गई अपमानजनक बातें पूरी तरह से गलत है। इससे उनके परिवार की जो बदनामी हुई है उसकी भरपाई नहीं हो सकती।" केस के बाद हिन्दी और गुजराती संस्करण में डुमरांव को सिमरांव करने का भी चेतन पर आरोप लगा है।

    डुमरांव महाराज परिवार को इस क्षेत्र की जनता काफी सम्मान देती। महाराज परिवार से होने के बाद भी इस परिवार के लोग क्षेत्र के लोगों के सुख-दुख में शामिल होते हैं। इस राजघराने ने कई स्कूल, कॉलेज, और अस्पताल खोलने के लिए कई जगहों पर करोड़ों रुपए का जमीन दान में दिया है।

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    महाराजा कमल बहादुर सिंह 1952 से लेकर 1962 तक इस क्षेत्र से दो बार निर्दलीय सांसद रहे चुके हैं। इसके बाद भाजपा में शामिल हुए। इस परिवार का राजनीतिक विरासत आगे ले जाने के लिए शिवांग विजय सिंह कोशिश कर रहे हैं।

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