बिहार में 6 करोड़ महिलाएं सिर्फ डेढ़ करोड़ को ही क्यों दिए 10-10 हजार?RJD विधायक ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप
राजद विधायक ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 6 करोड़ महिलाओं में से केवल 1.5 करोड़ को ही 10-10 हजार रुपये क्यों दिए गए। उन्होंने वित्तीय ...और पढ़ें

सरकार से सवाल पूछते पूर्व मंत्री सह विधायक आलोक मेहता।
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद विधायक आलोक मेहता ने सरकार पर मुख्यमंत्री रोजगार योजना में भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं। मेहता ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि इस योजना का लाभ चुनिंदा महिलाओं को ही मिला।
चार करोड़ महिलाएं राज्य में ऐसी भी हैं जिन्हें योजना के दस-दस हजार रुपये नहीं मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए चुनिंदा वर्ग को लाभ पहुंचाया जा रहा है, जबकि योजना का उद्देश्य सभी पात्र महिलाओं को आर्थिक सहायता देना है।
अर्थव्यवस्था की रीढ़ होतीं महिलाएं
मेहता ने सदन में कहा कि राज्य की महिलाओं के साथ यह भेदभाव स्वीकार नहीं। किसी भी परिवार, समाज और राज्य की अर्थव्यवस्था में महिला रीढ़ होती हैं।
ऐसे में चुनिंदा महिलाओं को लाभ देकर एक को वंचित रखना तर्क संगत नहीं हो सकता। समान रूप से सभी महिलाओं को बराबरी का हक दिया जाना चाहिए। अपने संबोधन के दौरान आलोक मेहता ने सरकार को वित्तीय प्रबंधन के मुद्दे पर भी घेरा।
अनुपूरक बजट से दिखती विफलता
उन्होंने कहा कि एक ही वर्ष में बार-बार अनुपूरक बजट लाना संकेत है कि सरकार अपने दायित्वों का सही प्रकार निर्वहन नहीं कर रही। इससे साबित होता है अफसरशाही हावी है और योजनाएं सही प्रकार नहीं बन रहीं।
मेहता ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि बजट निर्माण के वक्त विपक्ष ने जो सुझाव दिए उन पर न तो कोई चर्चा हुई और ही सरकार की ओर से इस संबंध में कोई जवाब भी दिया गया। विपक्ष की आवाज को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है।
महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए जाने के मुद्दे पर विपक्ष के अन्य विधायकों ने भी सरकार पर आरोप लगाया। कहा कि चुनाव के ठीक पहले वोट बटोरने के लिए पैसे दिए गए।
हालांकि बड़ी संख्या में महिलाएं अबतक इस राशि से वंचित हैं। केवल उन्हें सब्जबाग दिखा दिया गया।

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