शमशाद 'प्रेम', आरा : देश ने जब गुरुवार को आरा की बेटी और बहू रजनी को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की हाट सीट पर बैठ महानायक अमिताभ बच्चन के सवालों का धड़ाधड़ जवाब देते सुना तो सोचा भी नहीं होगा कि आत्मविश्वास से भरी इस महिला का बचपन से लेकर किशोरावस्था लड़की होने की गैरबराबरी का दंश झेल चुका है। न भाई के बराबर अच्छे स्कूल में पढ़ने दिया गया और न ही शिक्षिका बनने का अवसर मिला। रजनी ने 75 लाख के सवाल पर गेम छोड़ दिया। सवाल था, ‘किस शहर की लेबोरेटरी में मंकी पाक्स का पहला मामला सामने आया था’, सही जवाब उन्हें नहीं पता था, उन्होंने लाइफ लाइन ली, लेकिन सही जवाब ‘कोपनहेगन’ नहीं ढूंढ सकीं और 50 लाख रुपये लेकर गेम छोड़ने का निर्णय लिया।
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मेरी जैसी 10 रजनी हाटसीट पर पहुंचे
रजनी ने बताया कि 18 साल की उम्र में इंटर पास की तो जबरन ब्याह दी गईं। एकबारगी लगा जैसे सारे सपने हमेशा के लिए दफन हो गए। संयोग से ससुराल और पति साथ देने वाले मिल गए। रजनी ने ग्रेजुएशन किया और सीटेट की परीक्षा भी उतीर्ण कर ली। अब वह शिक्षिका बनने का पुराना सपना पूरा करना चाहती हैं। उनकी सफलता उन माता-पिता के लिए सबक है, जो बेटियों को बोझ समझ कमतर आंकते हैं और उनकी जल्द शादी करना पहला कर्तव्य समझते हैं। रजनी का कहना है कि बिहार को आगे बढ़ाना है तो बेटियों को पढ़ाना होगा। बेटा-बेटी में भेद को खत्म करना होगा। मेरी इच्छा है कि इस हाट सीट पर बिहार की और 10 रजनी आए। वैसी गृहिणी आएं, जो उपेक्षित रही हैं।
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बेटी की विशेष पढ़ाई व अपने मकान पर खर्च करेंगी रकम
रजनी ने फोन पर जागरण को बताया कि केबीसी से जीती राशि को अपनी पढ़ाई के अलावा अपनी बेटी की विशेष पढ़ाई पर खर्च करना चाहती हैं। उनका सपना अपने पैसे से खरीदे मकान का भी है।
2014 में हाटसीट पर बैठी भोजपुर की बेटी आज सीओ
केबीसी की सीट पर वर्ष 2014 में भोजपुर की पहली बेटी बैठी थी, तब जिला व बिहार काफी गौरवान्वित हुआ था। भोजपुर के सहार प्रखंड के हरपुर लख की मूल निवासी और आरा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, अहिरपुरवा की शिक्षिका कौशल्या कुमारी ने वर्ष 2014 के सितंबर माह में हाटसीट पर बैठकर साढ़े 12 लाख जीते थे। 25 लाख के सवाल पर उन्होंने गेम छोड़ दिया था। आज वह वर्ष 2019 में बीपीएससी 60-62वीं परीक्षा उतीर्ण कर जहानाबाद के रतनीफरीदपुर अंचल की सीओ हैं। कौशल्या ने रजनी को बधाई देते हुए कहा कि बहुत खुशी हो रही है कि जिले की दूसरी बेटी आज हाटसीट पर बैठी है।
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