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    Bihar News: बिहार के प्राइमरी स्कूलों में सिलेबस चेंज, कक्षा 1 से 5वीं तक नई किताबों से होगी पढ़ाई

    बिहार के सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए किताबें बदलेंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2025 का ड्राफ्ट जारी किया है। इसके तहत सिलेबस तय होगा और फिर नई पाठ्यपुस्तकें बनेंगी। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों की बदलेंगी किताबें और वे नई पुस्तकें पढ़ेंगे।

    By Dina Nath Sahani Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 21 Apr 2025 12:14 PM (IST)
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    पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों की बदलेंगी किताबें

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की किताबें बदलेंगी। इससे पहली से पांचवीं कक्षा तक के एक करोड़ से अधिक बच्चे नई पाठ्य-पुस्तकें पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में राज्य में स्कूली पाठ्यक्रम तय करने का फार्मूला तैयार किया गया है।

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    पहली से पांचवीं तक बदलेंगी किताबें

    पहली से पांचवीं तक की किताबें बदलेंगी। यह फार्मूला बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2025 के नाम से तैयार हुआ है। इसका ड्राफ्ट राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया है।

    नई किताबें बनाने का चल रहा काम

    राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि तय फार्मूले के तहत राज्य में स्कूली शिक्षा का पाठ्यक्रम (सिलेबस) तय होगा। उसके बाद कक्षावार एवं वर्गवार तय पाठ्यक्रम के आधार पर पाठ्यपुस्तकें बनेंगी। पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए नई पाठ्यपुस्तकें बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।

    वहीं छठी से बारहवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकें यथावत ली गई हैं। पहले नौवीं दसवीं कक्षा में गणित एवं विज्ञान तथा ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षा के लिए कला, वाणिज्य एवं विज्ञान की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें यथावत लागू थीं।

    20 मई तक सुझाव आमंत्रित

    राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की वेबसाइट पर अपलोड ड्राफ्ट पर शिक्षाविदों एवं आम लोगों से मंतव्य, सुझाव एवं फीडबैक ई-मेल से मांगा गया है। इसके लिए 20 मई तक का समय दिया गया है।

    बता दें कि स्कूली पाठ्यक्रम का फार्मूला (बिहार पाठ्यचर्या रूपरेखा निर्माण समिति, 2025) तय करने के लिए पटना विश्वविद्यालय एवं नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रास बिहारी सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी।

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