बिहार की राजनीति में कैंसर और सिरदर्द पर भिड़े नेता, लालू ने दी सम्राट चौधरी को यह 'डोज'; बेटे ने पूछ ली हैसियत
बिहार में जातीय गणना को लेकर सियासत तेज है। बीजेपी के नेता नीतीश कुमार और लालू यादव पर जमकर हमला बोल रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश प्रधान ने अब लालू यादव को राजनीतिक कैंसर बता दिया है। जिस पर लालू यादव और उनके बड़े बेटे भड़क उठे हैं। वहीं उन्होंने पलटवार करते हुए सम्राट चौधरी से उनकी हैसियत पूछ ली और उनके पिता पर भी टिप्पणी की।

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Politics News आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासत जोरों पर है। राजनीतिक वार-पलटवार भी जारी है। बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मंगलवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 'राजनीतिक कैंसर' करार दिया। लालू यादव ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।
दरअसल, पटना भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने मंगलवार को लालू यादव पर वार किया। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में कोई एक व्यक्ति अगर राजनीतिक कैंसर है तो उसका नाम है लालू यादव।
सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी पार्टी ने चारा घोटाला में उनको जेल भेजकर यह साबित किया है। लैंड फॉर जॉब घोटाला और रेलवे घोटाले में पूरा परिवार अदालतों के चक्कर काट रहा है।
भाजपा ने शुरू कर दिया कैंसर का इलाज
भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव को मौजूदा वक्त में राजनीतिक कैंसर माना जाता है, जिसका इलाज भाजपा ने शुरू कर दिया है। भाजपा ने नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों का राजनीतिक इलाज शुरू कर दिया है। इस बार बिहार में भाजपा में सरकार बनेगी।
तेज प्रताप ने पूछा- सम्राट चौधरी की हैसियत क्या है?
सम्राट चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा। इसपर लालू के बड़े बेटे और वन व पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सम्राट चौधरी से उनकी हैसियत पूछ ली, फिर उनके पिता व पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी कर दी।
तेजप्रताप यादव ने सम्राट चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी हैसियत लालू यादव पर बोलने वाली नहीं है। वे शकुनी मामा के बेटे हैं, जिन्होंने महाभारत करवाया था। हालांकि, इस दौरान उन्होंने जातीय गणना पर पूछे गए सवालों का जवाब देने से साफ इनकार कर दिया।
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