Bihar Politics: बजट की फुहार से ठंडी पड़ी बिहार को विशेष दर्ज की मांग, केंद्र की सहायता से नीतीश भी गदगद
Bihar News केंद्र की एनडीए सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं दिया लेकिन नीतीश कुमार की विशेष सहायता देने की बात स्वीकार कर ली। मंगलवार को पेश हुए बजट में बिहार के लिए विभिन्न मदों में 58900 करोड़ का प्राविधान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंगलवार को लोकसभा में पेश बजट में राज्य के लिए किए गए विशेष प्राविधान पर संतोष जताया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की विकास परियोजनाओं के लिए एकमुश्त 47 हजार चार सौ करोड़ की योजनाओं की घोषणा कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को बहुत हद तक ठंडा कर दिया है।
लंबे समय से विशेष राज्य की मांग और इसके लिए पटना से नई दिल्ली तक आन्दोलन करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंगलवार को लोकसभा में पेश बजट में राज्य के लिए किए गए विशेष प्रविधान पर संतोष प्रकट किया है।
नीतीश को और सहायता की उम्मीद
उन्होंने संकेत दिया कि वह विशेष दर्जा के साथ-साथ विशेष सहायता की भी मांग कर रहे थे। उनकी यह मांग पूरी हो गई है। नीतीश को भरोसा है कि केंद्र सरकार से बिहार को और कुछ मिलेगा। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि नए बजटीय प्रविधान से राज्य का तेज विकास होगा।
जदयू के शांत होने के बाद मुख्य विपक्षी दल राजद ने विशेष राज्य के मुद्दा को अपने पाले में कर लिया है। राजद के सांसद डा. मनोज कुमार झा ने विशेष राज्य के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष की घोषणा की है। मंगलवार को बिहार विधानसभा में भी विशेष राज्य की मांग पर विरोधी दल के सदस्यों ने शोर-शराबा किया।
केंद्र के बजट में बिहार के लिए जो नए प्रविधान किए गए हैं, उनमें से अधिसंख्य आधारभूत संरचना क्षेत्र के हैं। 26 हजार करोड़ रुपये चार सड़क और पुल परियोजनाओं के लिए दिए गए हैं। ये हैं- पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा सड़क परियोजना और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का अतिरिक्त पुल।
पीरपैंती में बिजली संयंत्र की स्थापना होगी
21 हजार चार सौ करोड़ रुपये का प्रविधान बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए किया गया। यह भागलपुर जिला के पीरपैंती में स्थापित होगी। इसके अलावा नए हवाई अड्डे, मेडिकल कालेज और खेलकूद की अधिसंरचना के निर्माण की भी घोषणा की गई है।
निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन देने की भी घोषणा की है। कहा है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोध पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के विकास का भी जिक्र किया, जिसमें बिहार भी शामिल है।
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