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    Bihar politics: तेजस्वी को CM फेस घोषित करने में कांग्रेस क्यों कर रही आनाकानी, बड़ी वजह का हुआ खुलासा

    बिहार में महागठबंधन सरकार बनने पर तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है लेकिन कांग्रेस अभी उनका नाम प्रस्तावित करने से बच रही है। यह रणनीति राजद समर्थकों के अति उत्साह को रोकने के लिए है जिससे एनडीए को फायदा होता है। कांग्रेस ने समन्वय समिति में तेजस्वी का नाम प्रस्तावित किया पर घोषणा से परहेज कर रही है। राजद भी कांग्रेस की रणनीति से सहमत है।

    By Arun Ashesh Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sun, 20 Apr 2025 09:24 AM (IST)
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    रणनीति का हिस्सा है तेजस्वी के नाम पर कांग्रेस की आनाकानी

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस अभी उनका नाम प्रस्तावित करने से परहेज कर रही है। यह उसकी रणनीति है। डर यह है कि तेजस्वी का नाम प्रस्तावित करने पर उनके समर्थक अति उत्साह में न आ जाएं।

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    अति उत्साह से बचने के लिए तेजस्वी के नाम का एलान नहीं

    राजद समर्थकों का अति उत्साह ही वह तत्व है, जिससे एनडीए को ताकत मिलती है। लोकसभा चुनाव के समय भी जमुई की एक सभा में एक राजद कार्यकर्ता की अप्रिय टिप्पणी से माहौल खराब हो गया था।

    उस कार्यकर्ता ने लोजपा (रामविलास) के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया। उसका बुरा असर पड़ा। कांग्रेस कहे न कहे, राजद के समर्थक तेजस्वी को अगला मुख्यमंत्री मानकर चल रहे हैं। वे उसी भावना से उत्साह का भी प्रदर्शन कर रहे हैं।

    महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी को देने से कांग्रेस को परहेज नहीं

    तीन दिन पहले महागठबंधन के छह दलों की बैठक में भी नेतृत्व का मुद्दा उठा। प्रश्न पूछा गया कि समन्वय समिति का अध्यक्ष कौन होगा? किसी के कुछ कहने से पहले कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लाबारू ने तेजस्वी यादव का नाम ले लिया। इससे पता चलता है कि समग्रता में तेजस्वी को महागठबंधन का नेतृत्व देने में कांग्रेस को परहेज नहीं है।

    कांग्रेस की ओर से यह संवाद तेजस्वी को भी दे दिया गया है कि महागठबंधन की सरकार बनेगी तो आप ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन अभी इसे घोषित नहीं किया जाए। शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेस में मुख्यमंत्री वाला प्रश्न राजद के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. मनोज झा से पूछा गया।

    मनोज झा ने इशारों में कर दिया सब कुछ क्लीयर

    मनोज झा का उत्तर था कुछ सार्वभौमिक सत्य होते हैं, जैसे कि सूर्य का उदय पूरब दिशा में होना। इससे आगे आप समझ रहे होंगे। यानी राजद भी कांग्रेस की रणनीति को स्वीकार कर रहा है।

    हालांकि, जमीनी सच यह है कि राजद के कार्यकर्ता तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री मानकर पूरी तरह उत्साहित हैं। वे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपने अति उत्साह का प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

    राजद और कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर दलों के बीच समन्वय की कमी की चर्चा की थी। पूर्व अध्यक्ष डॉ. मदनमोहन झा ने कहा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के दलों के बीच गांव-पंचायत स्तर पर समन्वय नहीं हुआ था। कांग्रेस की यह सलाह भी मान ली गई कि समन्वय समिति का गठन जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर हो।

    24 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में होने वाली समन्वय समिति की बैठक में इस पर भी विचार किया जाएगा। कांग्रेस की सलाह यह भी है कि सभी छह दलों के प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्ष एक साथ बैठे।

    इन बैठकों में भी यह बताया जाएगा कि राजद के कार्यकर्ता ऐसा कुछ न करें, जिससे कमजोर वर्गों के बीच डर का माहौल बने। क्योंकि विकास की तमाम उपलब्धियों के बावजूद राजद का डर दिखाना एनडीए के चुनावी एजेंडा में पहले नंबर पर है।

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