Bihar Politics: ...तो ये है अंदर की बात! सामने आई BJP-JDU कैंडिडेट लिस्ट की चौंकाने वाली इनसाइड स्टोरी
जदयू और भाजपा की उम्मीदवार सूची से स्पष्ट है कि दोनों दल सोशल इंजीनियरिंग के एक ही मोर्चे पर हैं, जिसमें अत्यंत पिछड़ी जातियां और सवर्ण केंद्र में हैं। राजद के माय समीकरण से दूरी बनाई गई है। जदयू ने मधेपुरा में यादव के बदले वैश्य उम्मीदवार को मौका दिया है। टिकट वितरण से असंतुष्ट नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। महिला प्रतिनिधित्व अभी भी कम है।

सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू की पहली और भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी होने के साथ ही यह साफ हो गया है कि दोनों दल सोशल इंजीनयिरिंग के एक ही मोर्चे पर आ गए हैं। बेशक अत्यंत पिछड़ी जातियां और सवर्ण इसके केंद्र में हैं, लेकिन राजद के माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण से इन्होंने दूरी बना ली है।
भाजपा की पहली सूची में विधानसभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव और पूर्व मंत्री रामसूरत राय को बेटिकट कर दिया। जदयू की दूसरी सूची से मुस्लिम उम्मीदवार गायब हैं।
जदयू ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को 57 उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है, उसमें डुमरांव और कांटी से क्रमश: अंजुम आरा और मो. जमाल को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। ये दोनों पिछली बार इन क्षेत्रों से जदयू के उम्मीदवार थे।
जदयू ने मधेपुरा में पहली बार यादव के बदले वैश्य उम्मीदवार दिया है। जदयू की सूची में अमरेंद्र कुमार पांडेय, धूमल सिंह और अनंत सिंह जैसे नाम भी हैं, जिनकी गिनती दबंगों में होती है। भाजपा ने मुंगेर में यादव के बदले वैश्य बिरादरी के उम्मीदवार को मौका दिया है। दल बदल करने वालों को सभी दलों में प्राथमिकता मिली है। भाजपा-जदयू भी पीछे नहीं है।
भाजपा ने आनंद मिश्र (जनसुराज), केदार नाथ सिंह (राजद), रमा निषाद (कांग्रेस से आए अजय निषाद की पत्नी) को उम्मीदवार बनाया। जदयू ने छोटेलाल राय(राजद), अतिरेक कुमार (कांग्रेस), कोमल सिंह (लोजपा रा), अजित कुमार (भाजपा), कुमार पुष्पंजय (कई दलों में रहे), अनंत सिंह (राजद) को उम्मीदवार बनाया।
वंशवाद के मामले में भी दोनों दलों ने परहेज नहीं किया। अबतक की सूची में भाजपा-जदयू नेताओं के कई स्वजनाें के नाम शामिल हैं। जदयू उम्मीदवार आदित्य कुमार, मांजरिक मृणाल, रवीना कुशवाहा, अभिषेक कुमार और रूहैल रंजन इस दल के विधायकों-पूर्व विधायकों के स्वजन हैं। अभी एनडीए के घटक दलों की पूरी सूची जारी नहीं हुई है, लेकिन भाजपा-जदयू की जारी तीन सूची को देखकर टिकट से वंचित नेताओं का विरोध शुरू हो गया है।
मुजफ्फरपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। विधायक मिश्रीलाल यादव भी निर्दलीय या किसी अन्य दल से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। जदयू की पहली सूची में चार महिलाओं के नाम शामिल हैं। भाजपा की 83 की सूची में इनकी संख्या 10 है।
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