Bihar News: बिहार पुलिस को डिजिटल करने की तैयारी, मोबाइल एप पर होंगे सारे कामकाज
बिहार पुलिस अब पूरी तरह से डिजिटल होने जा रही है। पुलिस के सारे काम मोबाइल एप पर होंगे। इसके लिए पुलिस मुख्यालय मोबाइल आधारित समाधान पर काम कर रहा है। डायल-112 का सेकेंडरी कमांड सेंटर गयाजी में बनेगा। एसटीएफ के लिए लोदीपुर पटना में भवन बनेगा। पुलिस आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस को अब पूरी तरह डिजिटल करने की तैयारी है। पुलिस के छोटे-बड़े सभी कामकाज जल्द ही मोबाइल एप पर हो सकेंगे। इसके लिए पुलिस मुख्यालय मोबाइल आधारित सॉल्यूशन लागू करने की योजना पर काम कर रहा है। पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी आधुनिकीकरण सुधांशु कुमार ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए आइजी आधुनिकीकरण की अध्यक्षता में एक टीम तेलंगाना और कर्नाटक का अध्ययन कर लौट आई है। टीम ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है।
नए डिजिटल रूप में रजिस्टर अपडेट करने से लेकर शिकायत दर्ज करने तक की सारी गतिविधि मोबाइल एप के माध्यम से हो सकेगी। इसके साथ ही दस्तावेजों का डिजिटल रूप में संरक्षण भी हो सकेगा जिससे कोई छेड़छाड़ संभव नहीं होगी।
गयाजी में बनेगा डायल-112 का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
पुलिस, फायर बिग्रेड और एंबुलेंस सेवा के लिए जारी आपातकालीन नंबर डायल-112 का सेकेंडरी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (मिरर साइट) गयाजी में स्थापित की जाएगी। एडीजी आधुनिकीकरण ने बताया कि डायल-112 की सेवा को सुदृढ़ बनाने और निरंतरता बनाए रखने के लिए 20 प्रतिशत क्षमता का सेंटर गयाजी में बनेगा।
इसके लिए एक करोड़ 66 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। वहीं पटना में डायल-112 के स्थायी भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राजीवनगर में उपलब्ध कराई गई 84 डिसमिल जमीन पर भवन निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
लोदीपुर में बनेगा एसटीएफ का भवन
बिहार पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के लिए पुलिस केंद्र और कार्यालय भवन का निर्माण पटना के लोदीपुर में किया जाएगा। इसके लिए भूमि उपलब्ध कराते हुए विभागीय सहमति दे दी गई है।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-छह, मुजफ्फरपुर के लिए 32.38 एकड़ भूमि जबकि बी-सैप-19 के लिए बेगूसराय के मंझौल में 33.44 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया गया है। इसके अलावा छह विवादित समेत 30 थाना भवनों के लिए भी जमीन की उपलब्धता कराई गई है।
वहीं, एसपी और एसडीपीओ के दो-दो और अंचल पुलिस निरीक्षक के पांच आवास के लिए भी जमीन उपलब्ध कराई गई है। पुलिस के सुदृढ़ीकरण के लिए रेल पुलिस को एक हजार बाडी वार्न कैमरे दिए गए हैं। उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए 24 वाहन जबकि जिला पुलिस के लिए 42 कैदी वाहनों की खरीद की गई है।

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