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    द्वितीय विश्वयुद्ध के जमाने की रायफल के सहारे बिहार पुलिस, अपराधी रखते हैं इंसास

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 08 Apr 2017 10:48 PM (IST)

    बिहार पुलिस आज भी द्वि‍तीय विश्वयुद्ध के समय के थ्री नॉट थ्री राइफल के सहारे अपराधियों को पकड़ने का दंभ भरती है, वहीं अपराधी इंसास और एके सीरीज के हथियार रखते हैं।

    द्वितीय विश्वयुद्ध के जमाने की रायफल के सहारे बिहार पुलिस, अपराधी रखते हैं इंसास

    पटना [जेएनएन]।बिहार पुलिस के कंधों पर आज भी द्वितीय विश्वयुद्ध के जमाने की थ्री नॉट थ्री रायफल दिखती है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय वर्ष 2012 में ही अनुपयोगी घोषित कर चुका है। इसके विपरीत नक्सली व संगठित अपराध गिरोह इंसास, एके-56, एके-47, कार्बाइन व अत्याधुनिक पिस्टलों से लैस हैं। ऐसे में बिहार पुलिस बल के सामने किसी भी तरह अपना मनोबल ऊंचा बनाए रखने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

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    बिहार पुलिस की आम्र्स ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि राज्य पुलिस को एक लाख, 16 हजार, 810 अत्याधुनिक हथियारों यथा इंसास, एके-47, कार्बाइन और पिस्टल की जरूरत है। फिलहाल केवल 42,949 हथियार ही उपलब्ध हैं। यानी जरूरत से 73,861 हथियार कम।

    जाहिर है कि बिहार पुलिस अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोलने में संसाधनों की कमी महसूस कर रही है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि राज्य में बैंकों, कोषागारों समेत राज्य व केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण दफ्तरों की सुरक्षा थ्री नॉट थ्री रायफल के भरोसे ही है।

    पिछले दिनों राज्य में हुई बड़ी आपराधिक घटनाओं को देखें तो स्पष्ट है कि अपराधियों ने खौफ का माहौल बनाने के लिए एके-47, कार्बाइन और अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। चाहे वह दरभंगा में सड़क निर्माण कपंनी से जुड़े दो अभियंताओं की हत्या का मामला हो या फिर पटना के समीप लोजपा नेता बृजनाथी सिंह, भाजपा नेता विशेश्वर ओझा की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार हों। ये सभी आपराधिक घटनाएं अत्याधुनिक हथियारों के बल पर अंजाम दी गईं।

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    आम्र्स ऑडिट के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2012 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस्तेमाल से बाहर की जा चुकी थ्री नॉट थ्री रायफल पर आज भी बिहार पुलिस की निर्भरता करीब 47 प्रतिशत है। वहीं केवल 53 प्रतिशत जवानों व अधिकारियों को ही अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध हो सके हैं।

    बिहार पुलिस में अत्याधुनिक हथियारों की कमी का आंकड़ा
    हथियार    जरूरत        उपलब्धता      कमी (प्रतिशत में)
    इंसास       62,151      41,957         33 प्रतिशत
    एके-47     7,830        3,758           52 प्रतिशत
    कार्बाइन    15,373      9,862          36 प्रतिशत
    पिस्टल      31,456     18,284         42 प्रतिशत

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