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    बिहार में अवैध हथियार रखने वाले हो जाएं सावधान, ADG कुंदन कृष्णन ने बनाया स्पेशल प्लान; होगी सख्त कार्रवाई

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 09:11 AM (IST)

    बिहार में अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाई करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए विशेष रणनीति बनाई है जिसके तहत प्रदेश में लाइसेंसों का सत्यापन किया जा रहा है। लगभग 80 हजार लाइसेंसी हथियार धारकों के लाइसेंस की जांच होगी। कारतूस की खरीद की सीमा भी कम की जा रही है और दुकानों की जांच की जाएगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश में अपराधियों को अवैध तरीके से प्राप्त होने वाले हथियार और कारतूस की सप्लाई चेन नष्ट की जा रही है। इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने विशेष रणनीति बनाई है।

    इसी क्रम में प्रदेश में लाइसेंस सत्यापन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में लाइसेंसी हथियार रखने वालों की संख्या करीब 80 हजार है। सत्यापन के क्रम में यह देखा जाएगा कि लाइसेंस रखने वाले हथियार चलाने योग्य हैं या नहीं।

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    अधिक उम्र या बुजुर्गों के नाम पर लाइसेंस होने पर इसे रद भी किया जा सकता है। साथ ही आर्म्स लाइसेंसों की विस्तृत जानकारी केंद्र सरकार की वेबसाइट नेशनल डाटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस इश्यूएंस सिस्टम (एनडीएएल-एएलआइएस) पर होना अनिवार्य है।

    यहीं से हथियारों को एक विशेष कोड मिलता है। जिन हथियारों का कोड नहीं होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा। इस मामले में एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्ण ने बताया कि लाइसेंसी हथियारों के सत्यापन का काम चुनाव से पहले शुरू कर दिया जाएगा।

    राज्य सरकार पहले ही पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर से बने हथियारों के लाइसेंसों को अवैध या अमान्य घोषित कर चुकी है। उन्होंने कहा कि लाइसेंसधारकों को प्रति वर्ष 200 राउंड गोली या कारतूस खरीदने की अनुमति होती है।

    अब इसे कम कर 85 गोली किया जा रहा है। इसमें भी एक बार में ज्यादा से ज्यादा 25 राउंड गोली ही खरीदी जा सकेगी। ज्यादा गोली खरीदने से पहले पुरानी कारतूस का खोखा जमा करना होगा।

    बता दें कि प्रदेश में लाइसेंसी आर्म्स दुकानों की संख्या 85 है। इन सभी की जांच होगी। इनका रजिस्टर देखा जाएगा कि किस तारीख में कितने कारतूस व हथियारों की बिक्री की गई है। किस लाइसेंस पर अधिक गोली का उठाव किया जाता है। इन बातों की गहन जांच होगी।

    असल में कई मामलों में देखा गया है कि कई लाइसेंसधारक बड़ी संख्या में गोली का उठाव करते हैं, लेकिन वे चलाते कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं होती। बार-बार बिना उपयोग के गोली की खरीद करने वाले कई लोग इसे ब्लैक मार्केट में बेच देते हैं। अपराधियों तक अवैध कारतूस के पहुंचने का यह बड़ा कारण माना जा रहा है।