Bihar Police: अपराध पर कड़ा प्रहार, हत्या-डकैती से लेकर नक्सल और शराब माफिया तक पर शिकंजा
बिहार पुलिस ने अपराध पर कड़ा प्रहार करते हुए हत्या, डकैती, नक्सल गतिविधियों और शराब माफिया जैसे संगठित अपराधों पर शिकंजा कसा है। पुलिस ने अपराधियों के ...और पढ़ें

प्रेस वार्ता में अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने वर्ष भर की उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा दिया।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में अपराध के खिलाफ पुलिस की रणनीति के ठोस नतीजे सामने आए हैं। वर्ष भर चली सख्त कार्रवाई, तकनीक आधारित निगरानी और निरोधात्मक कदमों के चलते राज्य में हत्या, डकैती और दंगों जैसे गंभीर अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
माफिया, शराब तस्करों, नक्सलियों और साइबर अपराधियों पर एक साथ प्रहार करते हुए पुलिस ने न केवल हजारों गिरफ्तारियां कीं, बल्कि अपराध से अर्जित संपत्तियों की जब्ती और नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन से कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया है।
सोमवार को गृह विभाग की ओर से आयोजित एक प्रेस वार्ता में अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने वर्ष भर की इन्हीं उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा दिया।
अरविंद चौधरी ने अपराध नियंत्रण, मद्य निषेध, नक्सली गतिविधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, आर्थिक अपराध एवं साइबर अपराध के नियंत्रण को उठाए गए कदमों की जानकारी दी। चौधरी ने कहा कि राज्य में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से विधि-व्यवस्था सुदृढ़ कर कानून का शासन स्थापित करना तथा लोगों को भयमुक्त समाज एवं विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आपराधिक घटनाओं के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में हत्या के मामले में 7.72 प्रतिशत कमी आई है। इसी प्रकार डकैती के मामलों में 24.87 प्रतिशत और दंगों में 17.97 प्रतिशत की गिरावट आई है।
उन्होंने बताया कि अपराधियों ने अपराध के जरिये जो संपत्ति जमा की है उसके खिलाफ भी इस वर्ष काफी कार्रवाई हुई है। अब तक 1419 अपराधियों की पहचान की गई है। चार सौ पांच अपराधियों की संपत्ति जब्ती के प्रस्ताव कोर्ट को दिए गए हैं। जिसके आलोक में 70 अपराधियों की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने बताया कि बीएनएसएस की धारा 126 के तहत जनवरी से नवंबर 2025 के बीच 12.50 लाख के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि 2013 में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 22 थी जो आज घटकर शून्य हो गई है। केंद्र सरकार ने चार जिलों को लेगेसी एवं थस्र्ट जिलों के रूप में चिह्नित किया है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई द्वारा 103 कांडों की जांच की गई है। प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत 339.39 करोड़ की संपत्ति राज्यसात करने के लिए 204 प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को दिए गए हैं। जिसमें 51.919 करोड़ की आपराधिक संपत्ति जब्त की गई है।
उन्होंने इसके अलावा ईआरएसएस परियोजना, कमजोर वर्ग से संबंधित मामलों, पुलिस और प्रशासन की मजबूती के लिए आधारभूत संरचना एवं नवाचार के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। प्रेस कांफ्रेंस में पंकज दाराध, केएस अनपुम और प्रणव कुमार सहित दूसरे अपराधी उपस्थित रहे।
अपराध में गिरावट
- हत्या के मामलों में 7.72 प्रतिशत कमी
- डकैती में 24.87 प्रतिशत की गिरावट
- दंगों में 17.97 प्रतिशत की कमी
संगीन अपराधों पर सख्ती
- डकैती, लूट, दुष्कर्म, अपहरण मामलों में
- 3.35 लाख अभियुक्त गिरफ्तार
- 12.50 लाख लोगों पर बीएनएसएस की धारा 126 के तहत कार्रवाई
- हत्या के 5620, डकैती के 1054, लूट के 2082, एस-एसटी एक्ट के 3630
- दुष्कर्म और संगीन कांडों में जनवरी-नवंबर तक 3.35 लाख अभियुक्तों की गिरफ्तारी।
- 4528 आग्नेयास्त्र एवं 28414 गोलियां बरामद की गई।
माफिया पर आर्थिक प्रहार
- 70 अपराधियों की संपत्ति जब्ती प्रक्रियाधीन
- 1419 अपराधी चिह्नित
- 405 मामले कोर्ट में भेजे गए
शराबबंदी और नक्सल अभियान
- 16.79 लाख लीटर देसी शराब जब्त
- 16.51 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त
- 220 नक्सली गिरफ्तार,एक मुठभेड़ में ढेर
साइबर अपराध पर नजर
- 103 साइबर कांडों की जांच पूरी
- आय से अधिक संपत्ति के 85 कांड रिपोर्ट हुए
- एनसीआरपी हेल्पलाइन पोर्टल द्वारा 15 दिसंबर तक साइबर अपराध से संबंधित 24.38 कॉल्स का उत्तर देते हुए साइबर ठगी के मामलों में ऑनलाइन शिकायत रिपोर्ट की गई।

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