Bihar Plot Registry: जमीन प्लॉटिंग के लिए 20 फीट सड़क जरूरी, तभी होगी रजिस्ट्री; पटना का मास्टरप्लान हुआ अपडेट
Bihar Plot Registry राज्य के शहरी निकाय या शहर से सटे प्लानिंग एरिया (आयोजना क्षेत्र) में जमीन की प्लॉटिंग के लिए 20 फीट सड़क छोड़ना अनिवार्य होगा। जम ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के शहरी निकाय या शहर से सटे प्लानिंग एरिया (आयोजना क्षेत्र) में जमीन की प्लॉटिंग के लिए 20 फीट सड़क छोड़ना अनिवार्य होगा। जमीन की रजिस्ट्री में इस रास्ते का उल्लेख करते हुए निबंधन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस बाबत मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को पत्र लिखते हुए इसका अनुपालन कराने का आग्रह किया है। यह भी उल्लेख किया गया है यदि किसी कारणवश ऐसा किया जाना संभव नहीं हो तो संबंधित डीएम की लिखित अनुमति या अनापत्ति के बाद ही रजिस्ट्री की अनुमति दी जाए।
प्लॉट की बिक्री के दौरान ये चालाकियां अपनाई जा रही
विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि प्राय: देखा जा रहा है कि नगरपालिका के नए क्षेत्रों अथवा कम विकसित आयोजना क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में ले-आउट की स्वीकृति कराए बिना प्लॉटिंग के आधार पर भूखंडों की खरीद-बिक्री की जा रही है।
यह भी देखा जा रहा है कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग प्लॉट की बिक्री बिना पहुंच पथ या बहुत कम चौड़ी सड़क छोड़ी जा रही है। बिल्डिंग बायलाज में सड़कों की लंबाई के आधार पर न्यूनतम चौड़ाई का पहले से प्राविधान किया गया है, जिसमें सड़क की न्यूनतम चौड़ाई नौ मीटर है।
एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले भूखंडों के विभाजन के क्रम में कम से कम छह मीटर चौड़ी सड़क रखे जाने का प्राविधान है।
ऐसे में कहा गया है कि राज्य के नगरपालिका एवं आयोजना क्षेत्रों में प्लॉटिंग के द्वारा भूखंडों की खरीद-बिक्री या 25 डिसमिल से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड की खरीद-बिक्री के समय भूखंड के सामने कम से कम 20 फीट चौड़ी सड़क छोड़ना अनिवार्य होगा।
इससे जुड़ा निर्देश सभी निबंधन पदाधिकारियों को देने का आग्रह किया गया है, ताकि इसका अनुपालन कराया जा सके।
पटना का मास्टरप्लान अब 2041 के हिसाब से होगा तैयार
पटना। पटना के मास्टर प्लान-2031 को अपडेट करते हुए अगले दस सालों के लिए बढ़ा दिया गया है। पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार ने अब 2041 तक की अवधि के लिए मास्टर प्लान (महायोजना) तैयार किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
वर्तमान पटना मास्टर प्लान 2031 के क्रियान्वयन में व्यावहारिक एवं तकनीकी कठिनाइयों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अपडेट मास्टर प्लान में जमीन का वर्गीकरण दस प्रकार से होगा।
इसमें आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, संस्थात्मक, जनउपयोगी भवन, ट्रांसपोर्ट व यूटिलिटिज, कृषि, ग्रीन बेल्ट, स्पेशल एरिया और मिश्रित भूमि का इस्तेमाल शामिल है।
मालूम हो कि शहरों के सुनियोजित विकास के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग आयोजना क्षेत्र तय कर शहरों के मास्टरप्लान पर काम कर रहा है। सभी जिला मुख्यालय के शहरों, एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण शहरों का मास्टरप्लान बनाया जा रहा है।
अभी तक गठित 43 आयोजना क्षेत्रों में से पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार का गठन नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में किया गया है, जबकि शेष आयोजना क्षेत्र प्राधिकार का गठन संबंधित डीएम की अध्यक्षता में किया गया है।

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