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    Bihar Paper Leak: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा, 2 सरकारी कर्मियों ने ही भेजी थी आंसर-की

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Tue, 10 Oct 2023 12:02 AM (IST)

    Bihar Police Paper Leak सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सिपाही कमलेश कुमार के मोबाइल से आंसर-की भेजने वाले तीनों आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली है। तीनों आरोपियों में से दो नालंदा के तो एक दरभंगा का रहने वाला है। इनमें दो सरकारी नौकरी करते हैं। तीनों अभी फरार चल रहे हैं।

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    आरोपियों के करीबियों और रिश्तेदारों से पूछताछ।

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सिपाही कमलेश कुमार के मोबाइल से आंसर-की भेजने वाले तीनों आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली है।

    तीनों में से दो नालंदा के रहने वाले हैं और एक दरभंगा का निवासी है। इनमें दो सरकारी कर्मी हैं और एक निजी कंपनी में काम करता है। तीनों फरार हैं।

    पुलिस की जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि सिपाही के मोबाइल पर दोनों सरकारी कर्मियों ने ही आंसर-की भेजी थी। वहीं, निजी कर्मी ने एक अभ्यर्थी के मोबाइल पर आंसर-की भेजी थी।

    EOU को ट्रांसफर होगा केस

    पुलिस ने तीनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी, लेकिन वे नहीं मिले। तीनों जिस विभाग में कार्यरत थे, वहां उनके करीबियों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की गई। हालांकि, कंकड़बाग थाने की पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है।

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    मंगलवार को इस केस को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में ट्रांसफर किया जा सकता है। पुलिस केस की जांच जारी रखेगी, लेकिन उसकी रिपोर्ट ईओयू को देगी।

    ये है कंकड़बाग पेपर लीक का पूरा मामला

    पटना के कंकड़बाग स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज में परीक्षा की दूसरी पाली में कदाचार मामले में छह अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें तीन अभ्यर्थियों के पास से मोबाइल बरामद हुए थे। अभ्यर्थी मनु और रजनीश के मोबाइल में आंसर-की मिली थी।

    जांच की गई तो पता चला कि मनु को परीक्षा शुरू होने के डेढ़ घंटे पूर्व आंसर-की भेजी गई थी। उस नंबर की जांच हुई, तो उसकी लोकेशन नालंदा में मिली।

    पुलिस ने छापेमारी कर नालंदा से सिपाही कमलेश को गिरफ्तार किया। आरोपी सिपाही के मोबाइल पर जिस नंबर से आंसर-की भेजी गई थी, पुलिस उन दोनों आरोपियों की पहचान में जुटी थी।

    जांच में पता चला कि दोनों आरोपी भी नालंदा में सरकारी विभाग में कर्मी हैं। वहीं रजनीश के मोबाइल पर जिसने आंसर-की भेजी थी, वह दरभंगा में निजी कर्मी है।

    पुलिस सूत्रों की मानें तो फरार तीनों आरोपी कर्मी भी चेन का हिस्सा हैं। इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अहम सुराग मिल सकता है, जिससे मुख्य आरोपी तक पहुंचा जा सकता है।

    दर्जन भर मोबाइल नंबरों की डिटेल खंगाल रही पुलिस

    अब तक की जांच में पता चला है कि सिपाही ने जिन पांच अभ्यर्थियों को आंसर-की भेजी थी, उनमें एक उसका रिश्तेदार है और अन्य भी जान-पहचान के हैं।

    सिपाही के बैंक खाते की भी जांच हुई थी, लेकिन लेनदेन का हिसाब नहीं मिला है। पुलिस दर्जन भर मोबाइल नंबरों की जांच में जुटी है। उनका डिटेल और लोकेशन भी पता किया जा रहा है।

    ऑनलाइन सेंटर से मिले दस्तावेजों की हो रही जांच

    एक अक्टूबर को पत्रकारनगर थाने की पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षा में सेंधमारी और अभ्यर्थियों की परीक्षाओं में सेटिंग करने वाले गिरोह के पुष्पक सहित चार जालसाजों को गिरफ्तार किया था।

    पूछताछ में पुष्पक ने पुलिस को बताया था कि उसके गिरोह के सरगना मुकेश कुमार, कुनाल, राजन और रमन हैं। चारों मिलकर रूपसपुर में ऑनलाइन एग्जाम सेंटर भी चलाते हैं। उक्त सेंटर में छापेमारी में अहम दस्तावेज बरामद किए गए। मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

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