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    जन्म प्रमाण पत्र के बदले रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुए पंचायत सचिव, विशेष निगरानी की बड़ी कार्रवाई

    By SUNIL RAAJEdited By: Radha Krishna
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 04:15 PM (IST)

    भोजपुर के आरा सदर प्रखंड के पंचायत सचिव जितेंद्र प्रसाद को विशेष निगरानी इकाई ने जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेह ...और पढ़ें

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    10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार

    राज्य ब्यूरो, पटना। भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत राज्य की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भोजपुर जिले के आरा सदर प्रखंड के पंचायत सचिव जितेंद्र प्रसाद को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी पंचायत सचिव पर जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है।

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    राज्य ब्यूरो, जागरण के अनुसार विशेष निगरानी इकाई को शिकायत मिली थी कि आरा सदर प्रखंड अंतर्गत तैनात पंचायत सचिव जितेंद्र प्रसाद एक व्यक्ति से जन्म प्रमाण पत्र बनाने और जारी करने के लिए अवैध रूप से रुपये की मांग कर रहे हैं।

    शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विशेष निगरानी इकाई ने पहले पूरे मामले का गोपनीय तरीके से सत्यापन कराया। जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद ट्रैप की योजना बनाई गई।

    इसके बाद एक विशेष धावा दल का गठन किया गया, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक चंद्रभूषण, बिंदेश्वर प्रसाद समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी और कर्मी शामिल थे।

    टीम ने पूरी रणनीति के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया। मंगलवार को जैसे ही पंचायत सचिव ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि ली और जन्म प्रमाण पत्र सौंपने की प्रक्रिया शुरू की, उसी समय विशेष निगरानी इकाई की टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

    गिरफ्तारी के दौरान पंचायत सचिव के पास से 10 हजार रुपये की रिश्वत की राशि भी बरामद की गई, जिसे सबूत के तौर पर जब्त कर लिया गया है।

    गिरफ्तारी के बाद आरोपी से विशेष निगरानी इकाई के अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि इस तरह के मामलों में वह पहले भी किसी अन्य व्यक्ति से रिश्वत ले चुका है या नहीं।

    विशेष निगरानी इकाई के अधिकारियों ने बताया कि पंचायत सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ पूरी होने के बाद आरोपी को विशेष निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    इस कार्रवाई के बाद सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त संदेश गया है। विशेष निगरानी इकाई ने आम लोगों से अपील की है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी किसी काम के लिए रिश्वत की मांग करता है तो इसकी सूचना तुरंत दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।