Bihar News: राज्य की 1069 पंचायतों में सरकार बनाएगी भवन, सुधा मिल्क पार्लर समेत मिलेंगी ये सुविधाएं
राज्य की 1069 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन अब ग्राम पंचायतें बनाएंगी। इस निर्माण पर 24 अरब 81 करोड़ से अधिक रुपये खर्च होंगे जिसमें सुधा पार्लर भी शामिल हैं। कुल 25 अरब 06 करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च होंगे। फिलहाल 2000 ग्राम पंचायतों में एलएईओ और 2615 में भवन निर्माण विभाग काम कर रहा है। पंचायत सरकार भवन मिनी सचिवालय के रूप में काम करेंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 1069 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण अब ग्राम पंचायतें स्वयं करेंगी। पंचायती राज विभाग ने यह निर्णय लिया है। इनके निर्माण पर 24 अरब 81 करोड़ 90 लाख 59 हजार 88 रुपये खर्च होंगे। इन पंचायत सरकार भवनों में सुधा होल-डे मिल्क पार्लर का भी निर्माण किया जाना है।
बता दें कि इसके निर्माण की अनुमानित लागत 24 करोड़ 53 लाख 35 हजार 500 रुपये है। इस तरह योजना के क्रियान्वयन में कुल 25 अरब 06 करोड़ 43 लाख 94 हजार 588 रुपये खर्च होने हैं। राज्य के सभी 8053 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।
फिलहाल 2000 ग्राम पंचायतों में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन (एलएईओ) और 2615 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। ग्राम पंचायतों को अपने हिस्से में आने वाले पंचायत सरकार भवनों का निर्माण नौ माह के अंदर पूरा करना है।
कार्य प्रारंभ होने के समय तकनीकी स्वीकृति की राशि का पांच प्रतिशत मोबिलाइजेशन एडवांस के रूप में ग्राम पंचायत को दिया जाएगा। इसका समायोजन अगले पांच चालू विपत्रों में बराबर किस्तों में किया जाएगा। इससे निर्माण कार्य में आसानी होगी। सुधा होल-डे मिल्क पार्लर के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।
उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता (राजस्व), एलएईओ के कार्यपालक अभियंता और जिला पंचायत राज पदाधिकारी इस समिति के सदस्य हैं। ग्रामीण स्तर पर सरकारी योजनाओं की डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित करने में पंचायत सरकार भवन महत्वपूर्ण हो गए हैं। ये भवन वास्तव में सरकार के मिनी सचिवालय के रूप में काम कर रहे हैं।
पंचायत स्तर पर सभी विभागों के कर्मचारियों के कार्यालय चलाने के लिए इनमें जगह उपलब्ध कराई जा रही है। पंचायत सरकार भवनों में आरटीपीएस केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को अब आय, जाति, आवासीय, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि बनवाने के लिए प्रखंड जाने की जरूरत नहीं है।
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