Bihar Shravani Mela: श्रावणी मेले में होंगे सुरक्षा के कड़े इंतजाम, मुख्य सचिव ने की तैयारियों की समीक्षा
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने श्रावणी मेले में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट किया है। 11 जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाले मेले में 13 जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने गोताखोरों की तैनाती खाद्य पदार्थों की जांच और अन्य आवश्यक सुविधाओं का प्रबंधन करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस को वायरलेस सेट का उपयोग करने के लिए कहा गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। श्रावणी मेले में कांवड़ियों की सुरक्षा और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव, बिहार सरकार अमृत लाल मीणा ने जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर काम करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को पुराना सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने बीते साल जहानाबाद के बराबर पहाड़ी पर हुई भगदड़ हादसे के बाद सामने आई कमियों से सबक लेते हुए सशक्त रणनीति तैयार करने को कहा।
मीणा ने कहा कि 11 जुलाई से सावन महीने में 13 जिलों में श्रावणी मेला आयोजित होता है। इस बार यह मेला नौ अगस्त तक होना है। मेले में भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात करने के अलावा सभी नदी घाटों पर उचित संख्या में गोताखोरों की व्यवस्था, मेले में बिकने वाले सभी तरह के खाद्य पदार्थों की जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर की तैनाती के अलावा मंदिर न्यास परिषद के साथ समन्वय स्थापित कर काम करने का निर्देश दिया।
मुख्य सचिव ने पुलिस को मोबाइल फोन की जगह वायरलेस सेट का इस्तेमाल करने पर जोर दिया ताकि आपातकालीन स्थिति में समन्वय बनाने में आसनी हो। कहा कि सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर पाकेटमारों पर नजर रखी जाए और बसों की छत पर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर जुर्माना लगाएं।
पेयजल, शौचालय, स्नानघर साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत, चिकित्सा सुविधा, निर्बाध बिजली आपूर्ति, हाईमास्ट लाईट और कांवरियों के ठहरने की समुचित व्यवस्था करें। वरीय अधिकारियों को निदेश दिया कि रविवार और सोमवार को शिवालयों और प्रमुख मंदिरों में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक संभालने के लिए स्वयं मौजूद रहें। श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में प्रवेश और निकास द्वार अलग किए जाएं।
मेला परिसर, आवागमन के रास्ते, नदी मार्ग से गुजरने वाले रास्ते और स्नान क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था के सभी उपाय किए जाए। अग्निशमन, मोटरबोट, पदाधिकारियों के लिए वाहन की पर्याप्त व्यवस्था और आवश्यक स्थलों पर एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम की प्रतिनियुक्ति की जाए। शराब और नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए व्यापक व्यवस्था, महिलाओं के लिए चेंजिग रूम, मेला परिसर और कांवरियां पथ में टेंट सिटी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
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