Bihar Land Mutation: अब दाखिल-खारिज के लिए दिए ऐसे आवेदन नहीं होंगे मंजूर, सचिव ने जारी किए नए आदेश
बिहार में दाखिल-खारिज प्रक्रिया को लेकर राजस्व विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। अब एक बार निरस्त हो चुके दस्तावेजों के साथ दोबारा आवेदन करने पर वह स्वतः ही अस्वीकृत हो जाएगा। राजस्व सचिव जय सिंह ने इस बारे में सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है ताकि पूर्व में अस्वीकृत आवेदनों को दोबारा प्रस्तुत करने पर वे अपने आप रद्द हो जाएं।

राज्य ब्यूरो, पटना। एक बार जिन दस्तावेजों के आधार पर दाखिल खारिज (Land Mutation Bihar) का आवेदन अस्वीकृत हो गया है, दोबारा उन्हींं दस्तावेजों के साथ समीक्षा के लिए आवेदन देते हैं तो वह अपने आप अस्वीकृत हो जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर में ही यह विकल्प दे दिया है।
विभाग के सचिव जय सिंह ने इस संबंध में गुरुवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे मामलों की समीक्षा के दौरान राजस्व कर्मचारी अपनी रिपोर्ट में यह उल्लेख करेंगे कि पूर्व में यह आवेदन अंचलाधिकारी के स्तर पर अस्वीकृत किया जा चुका है।
उस रिपोर्ट के आधार पर अंचलाधिकारी भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील करने की सलाह के साथ उसे अपने स्तर से रद कर देंगेे। इसमें अंचलाधिकारी यह उल्लेख करेंगे कि उनके न्यायालय में पूर्व में यह आवेदन अस्वीकृत हो चुका है।
पत्र में बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) नियमावली, 2017 के प्रविधान का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार किसी जमाबंदी या उसके किसी भाग में हित अर्जित करने वाले भू-धारी द्वारा चालू खतियान, अभिधारी खाता, पंजी, जमाबंदी पंजी तथा खेसरा पंजी के किसी भाग के संबंध में उसके नाम दाखिल खारिज करने के लिए संबंधित अंचल अधिकारी के न्यायालय में याचिका दायर की जाती है।
समीक्षा में पाया गया कि याचिका अस्वीकृत होने के बाद रैयतों द्वारा उसी खाता एवं खेसरा का नए सिरे से आवेदन किया जाता है। सॉफ्टवेयर में बदलाव के बाद ऐसी याचिकाएं स्वत: अस्वीकृत हो जाएंगी।
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