Bihar News: बिहार में हाथियों के दान व आदान-प्रदान पर पूर्ण प्रतिबंध, कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए जान लें नया नियम
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने बिहार में हाथी लाने और ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के संशोधित नियम 2022 के तहत हाथी दान नहीं किया जा सकता है। एक हाथी का स्वामी किसी दूसरे को नहीं दे सकता है। सोनपुर मेला में सांस्कृतिक रीति के लिए ही इसे लाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में हाथियों के दान, आदान-प्रदान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। सोनपुर मेला के आयोजन के मद्देनजर राज्य के मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दिया दी है।
हाथी ले जाने पर प्रतिबंध
हाथियों के वैध मालिक को प्रदेश के किसी मार्ग से आवागमन के पूर्व ट्रांजिट परमिट लेना अनिवार्य होगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने बिहार में हाथी लाने और ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के संशोधित नियम 2022 के तहत हाथी दान नहीं किया जा सकता है।
किसी दूसरे को नहीं दे सकते हाथी
एक हाथी का स्वामी किसी दूसरे को नहीं दे सकता है। सोनपुर मेला में सांस्कृतिक रीति के लिए ही इसे लाया जाएगा। इसके लिए भी मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक को आवेदन देकर अनुमति लेनी होगी।
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निर्धारित समय तक ही मेला में हाथी को सांस्कृतिक रीति में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। हाथी के वैध मालिकों को चेतावनी दी गई है कि दान, आदान-प्रदान और बिना अनुमति के कहीं ले जाना सरकारी आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। इसके लिए एक लाख रुपये तक जुर्माना और सात साल तक कैद की सजा हो सकती है।

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