Bihar: ट्विन सिटी की तर्ज पर विकसित होंगे बोधगया-गयाजी और नालंदा-राजगीर, तैयार हो गया मास्टर प्लान
बिहार के चार प्रमुख पर्यटन स्थलों बोधगया-गयाजी और राजगीर-नालंदा को ओडिशा के कटक-भुवनेश्वर की तर्ज पर ट्विन सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है। पर्यटन विभाग ने एजेंसी का चयन कर लिया है जो मास्टरप्लान तैयार करेगी। गया में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और बोधगया में कलाग्राम का निर्माण होगा। बोधगया में बौद्ध ध्यान केंद्र भी बनेगा और पर्यटकों को गया घराना से परिचित कराया जाएगा।

कुमार रजत, पटना। बिहार के चार प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास की योजना पर काम शुरू हो गया है। ओडिशा के कटक-भुवनेश्वर की तर्ज पर पर्यटकों के लिए बोधगया-गयाजी और राजगीर-नालंदा को ट्विन सिटी की तरह विकसित किया जाएगा। यानी ये शहर इस तरह विकसित किए जाएंगे कि एक जगह आने वाला पर्यटक सुलभता से दूसरे पर्यटन केंद्रों तक भी जाए।
इसके लिए इन पर्यटन केंद्रों पर सुविधाएं तो बढ़ेंगी ही, नए पर्यटन केंद्र विकसित किए जाने की भी योजना है। इस काम के लिए पर्यटन विभाग ने एजेंसी का भी चयन कर लिया है। यह एजेंसी इन शहरों के समेकित विकास के लिए मास्टरप्लान तैयार करेगी।
सबसे पहले गया और बोधगया के मास्टरप्लान पर काम शुरू हुआ है। इसके लिए गया और बोधगया का टूरिस्ट और आधारभूत संरचना सर्वे किया जा रहा है।
गया में पथ निर्माण विभाग, पुरातत्व विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, उद्योग विभाग, पुलिस-प्रशासन के साथ विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति और स्थानीय मेयर एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विचार-विमर्श किया गया है।
इसी तरह बोधगया में भी मंदिर प्रबंधन समिति, होटल एसोसिएशन, ट्रैवल एजेंट, गाइड आदि के साथ बैठक कर मास्टरप्लान और योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया है।
गया में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, बोधगया में बनेगा कलाग्राम:
केंद्रीय आम बजट में भी इस साल भगवान बुद्ध से जुड़े पर्यटकीय स्थलों के विकास की घोषणा की गई है। बोधगया और राजगीर जैसे पर्यटन स्थलों का विकास इसका हिस्सा भी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के अंतर्गत बोधगया में करीब 165 करोड़ की लागत से बौद्ध ध्यान एवं अनुभव केंद्र के निर्माण को स्वीकृति भी मिली है।
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के निर्माण की योजना भी है। इसके अलावा बोधगया के पास कलाग्राम बनाने का प्रस्ताव है जो कलाकारों, शिल्पकारों और सांस्कृतिक प्रतिभाओं को मंच प्रदान करेगा।
इसके अलावा बोधगया के पास सिलौंंजा में दुनिया के सात आश्चर्यों (सेवन वंडर्स ऑफ वर्ल्ड) की प्रतिकृति भी बनाई जाएगी। इस पर करीब 14 करोड़ 85 लाख खर्च होने का अनुमान है।
इसी तरह गया आने वाले पर्यटकों को संगीत परंपरा से जुड़े गया घराना से भी रूबरू कराने का प्रस्ताव है। गया और मगध क्षेत्र के स्थानीय व्यंजनों को भी फूड कोर्ट में विशेष तौर पर जगह दी जाएगी।
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