10 हजार की अगली कड़ी में 2.10 लाख; क्या सभी पात्र महिलाओं को मिलेगी इतनी राशि? जानिए बिहार सरकार का प्लान
Bihar News: मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजारी योजना का लाभ लगभग 2 करोड़ महिलाओं को मिलेगा। जीविका द्वारा अब लाभार्थियों के रोजगार का मूल् ...और पढ़ें

10 हजार रुपये के लिए आवेदन की तिथि 31 दिसंबर तक। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojna: 10 हजारी योजना के अंतर्गत आवेदन की अंतिम तिथि वर्ष 2025 के साथ ही समाप्त हो रही है। बहरहाल जीविका के अधिकारियों का आकलन है कि योजना का लाभ पाने वाली महिलाएं लगभग दो करोड़ के आसपास होंंगी।
अब अगली कड़ी में लाभार्थियों द्वारा किए जा रहे रोजगार का मूल्यांकन होगा, जिसके निमित्त यह राशि वितरित हो रही है। जिन महिलाओं के काम-धंधे को आगे बढ़ाने योग्य पाया जाएगा, उन्हें अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2.10 लाख रुपये देने की घोषणा की है, लेकिन पात्र सभी महिलाओं को इतनी ही मात्रा में राशि नहीं मिलने वाली।
उनके काम के मूल्यांकन के आधार पर देय राशि का निर्धारण जीविका द्वारा किया जाएगा। अलबत्ता यह राशि अधिकतम 2.10 लाख रुपये तक होगी।
2 करोड़ महिलाएं हो सकती हैं दस हजारी की लाभार्थी
बहरहाल इस योजना के अंतर्गत आवेदकों की संख्या बढ़कर 1.90 करोड़ से कुछ अधिक ही हो गई है। इनमें वे 1.44 करोड़ महिलाएं भी सम्मिलित हैं, जिन्हें राशि का भुगतान हो चुका है।
आवेदन के लिए 31 दिसंबर अंत तक अवधि विस्तार हुआ था। उसके बाद दिसंबर में ही 23 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उन आवेदनों की छंटनी कर पात्र महिलाओं को यथाशीघ्र दस-दस हजार रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा, जिसे वापस नहीं करना है। हालांकि, काम-धंधे के विस्तार के लिए मिलने वाली राशि के साथ वापसी की शर्त भी होगी।
दस हजारी के नाम से लोकप्रिय यह वस्तुत: मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना है, जिसका क्रियान्वयन स्वयं सहायता समूह (जीविका) द्वारा किया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले इसकी घोषणा हुई थी। पहले ग्रामीण महिलाएं ही इसके लिए पात्र थीं। बाद मेंं शहरी क्षेत्र को भी इस दायरे में लाया गया।
दिव्यांग पुरुषों को हुए भुगतान के विरुद्ध नहीं होगी कार्रवाई
शहरी क्षेत्र से 18 लाख से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। हालांकि, अभी तक किसी को भी पहली किस्त जारी नहीं हुई है। जीविका के सूत्रों के अनुसार, तकनीकी गड़बड़ी के कारण दस-दस हजार रुपये उन 470 पुरुषों को भी हस्तांतरित हो गए हैं, जो दिव्यांग हैं।
हालांकिं, सरकार के स्तर से उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही। वैसे भी उनके परिवारों की महिलाओं ने योजना के लाभ के लिए आवेदन किया है। पात्रता पूरी होने पर वह राशि सहजता से समायोजित हो जाएगी।
बिहार में लगभग 2.7 करोड़ परिवार हैं। उनमें से 21 लाख से कुछ अधिक करदाता हैं। इनके अलावा सरकारी सेवक और शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवर भी हैं।
इस हिसाब से जीविका का आकलन है कि लगभग दो लाख महिलाएं 10 हजारी के लिए आवेदक हो सकती हैं। योजना का असली उद्देश्य इसके दूसरे पड़ाव से पूरा होना है, जब पहली किस्त से शुरू हुआ काम-धंधा रोजगार के रूप में परिवर्तित होने लगे।
तब कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होगी। जीविका की योग्यता व दक्षता की परख भी यही पर होनी है, क्योंकि तब फील्ड सर्वे भी करना होगा।
स्पष्ट है कि योजना की अगली कड़ी में दी जाने वाली राशि कारोबार के दावे और सर्वेक्षण के आधार पर तय होगा। सभी मामलों में यह एक समान नहीं होगी, लेकिन यह 2.10 लाख से अधिक भी नहीं होगी। इसके भुगतान व वापसी के लिए जीविका के स्तर पर अभी नियम बनाए जा रहे हैं।

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