Bihar News: पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं महिलाएं, इस क्षेत्र में की पंजाब और हरियाणा की बराबरी
पंजाब और हरियाणा की तरह ही बिहार की महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। खेती पशुपालन एवं मत्स्य पालन में महिलाओं की भागादारी बढ़ी है। कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की 38 लाख से ज्यादा महिलाएं कृषि एवं पशुपालन से संबंधित योजनाओं का डीबीटी के माध्यम से लाभ ले रही हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सभी क्षेत्रों में काम कर रही हैं। घर की चारदीवारी के अंदर रहकर परिवार और बच्चों को संभालने वाली महिलाओं ने बदलते वक्त के साथ अपना दायरा भी बढ़ाया है। आज प्रदेश की महिलाएं घर के साथ ही खेती और पशुपालन जैसे कार्यों के लिए भी आगे आ रही हैं।
कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन के साथ ही प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। सबसे ज्यादा भागीदारी जीविका समूह से जुड़ी आबादी की है। प्रदेश में 38 लाख से ज्यादा महिलाएं सरकार की कृषि और पशुपालन से संबंधित योजनाओं का लाभ ले रही हैं।
38 लाख से अधिक महिलाएं बनीं निबंधित किसान
पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों की तरह बिहार की महिलाएं भी अब परिवार चलाने के साथ-साथ खेती, पशुपालन एवं मत्स्य पालन का कमान संभालने लगी हैं। कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़े इसके प्रमाण हैं।
सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार 38 लाख से अधिक परिवार से जुड़ी महिलाएं जीविका समूह के साथ कृषि एवं पशुपालन से संबंधित योजनाओं का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से लाभ ले रही हैं। ये महिलाएं घर चलाने के साथ ही घर का खर्च चलाने में भी सक्षम हैं।
पशुपालन से जुड़ीं 9 लाख महिलाएं
इसमें पशुपालन से लगभग नौ लाख महिलाएं जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ ही नलकूप योजना, बीज मसाले एवं सहजन योजना, राज्य योजना अंतर्गत सब्जी विकास योजना, प्याज भंडारण संरचना, मखाना भंडार गृह निर्माण, शीतगृह निर्माण सहित कई योजनाओं में महिलाएं सीधे अनुदान का लाभ ले रहीं हैं।
पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं महिलाएं
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, हाल ही में शुरू की गई ड्रोन दीदी योजना, वर्षा आधारित कृषि योजनाओं और पौधा संरक्षण एवं उपादान समेत बिहार राज्य जैविक मिशन अंतर्गत चल रही योजनाओं में पुरुष किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहीं हैं।
बागवानी में भी बढ़ी भागीदारी
यही नहीं, बागवानी विकास कार्यक्रमों के साथ उद्ययानिक फसलों की व्यवसायिक खेती को बढावा देने से संबंधित योजना में राज्य योजना अंतर्गत मखाना विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत आम विकास योजना समेत अन्य योजनाओं में आधी आबादी की भागीदारी लगातार तेजी से बढ़ रही है। महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इस कदम से महिलाएं आत्म निर्भर भी बन रहीं हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।