बिहार के गांवों में मनरेगा से खेल क्रांति: 4716 पंचायतों में 5341 खेल मैदान, 90% लक्ष्य पूरा
बिहार में मनरेगा के तहत गांवों में खेल क्रांति आई है। 4716 पंचायतों में 5341 खेल मैदान बनाए गए हैं, जिससे 90% लक्ष्य पूरा हो गया है। इस पहल से ग्रामीण ...और पढ़ें

श्रवण कुमार, मंत्री ग्रामीण विकास व परिवहन विभाग। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के गांवों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत खेल के मैदान भी तैयार हो रहे हैं। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से वर्ष 2024 में राज्य की कुल 8053 में से 4716 ग्राम पंचायतों में खेल का मैदान बनाने की योजना को शामिल किया गया।
इन पंचायतों में 5341 खेल मैदान बनाने का लक्ष्य तय किया गया, जिसके लिए 521.92 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित हुआ। अब तक लगभग 90 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो चुका है।
अधिकारियों के अनुसार, इन खेल मैदानों ने गांवों में छिपी खेल प्रतिभाओं को सामने ला दिया है। जहां पहले युवाओं को अभ्यास के लिए शहरों का रुख करना पड़ता था, वहीं अब उनके गांव में ही आधुनिक सुविधाओं से युक्त खेल मैदान उपलब्ध हैं। इससे खेल के प्रति रुचि बढ़ने के साथ-साथ नशामुक्ति, अनुशासन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है।
मनरेगा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी जावेद अली खां बताते हैं कि ग्रामीण युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खेल मैदानों को तीन श्रेणियों में विकसित किया जा रहा है। पहली श्रेणी में एक एकड़ तक के मैदान, दूसरी श्रेणी में एक से पांच एकड़ और तीसरी श्रेणी में चार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले बड़े खेल परिसर शामिल हैं।
इन मैदानों में नियमित खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है, जिससे गांवों में सामुदायिक सहभागिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल रहा है। एक खेल मैदान पर औसतन 10 से 17 लाख रुपये की लागत आ रही है। फिलहाल निर्माणाधीन 534 अपूर्ण योजनाओं को जल्द पूरा करने की प्रक्रिया जारी है।
खेल मैदानों में उपलब्ध सुविधाएं
- रनिंग ट्रैक
- वालीबाल एवं बैडमिंटन कोर्ट
- क्रिकेट, फुटबाल, कबड्डी और खो-खो के लिए निर्धारित क्षेत्र
- बास्केटबाल कोर्ट
- स्टोर रूम और सुरक्षा दीवार

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