BJP और JDU के दावे पर RJD ने कहा- 65 विधायक हमारे संपर्क में, सरकार की सेहत पर क्या पड़ेगा असर?
बिहार में एनडीए सरकार के बहुमत के बावजूद विधायकों के दल-बदल को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। जदयू ने राजद के 18-19 विधायकों के संपर्क में होने का दाव ...और पढ़ें

जदयू और राजद के अलग-अलग दावे।
राज्य ब्यूरो, पटना। अपार बहुमत के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बावजूद विधायकों के दल बदल के नाम पर राज्य में बताेलाबाजी चल रही है।
सच यह है कि सरकार को बचाए रखने के लिए एनडीए को अतिरिक्त विधायकों की जरूरत नहीं है। दूसरी तरफ विधायक संख्या के लिहाज से विपक्ष इतना कमजोर है कि छोटी-छोटी पार्टियों के सभी विधायकों के समाहित होने पर भी दूर-दूर तक सरकार बनने की गुंजाइश नहीं है।
लेकिन, इससे बयानवीरों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। भाजपा, जदयू और राजद के कुछ नेता विधायकों के टूटने-जुड़ने के नाम पर बतोलाबाजी किए जा रहे हैं।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने दावा किया कि राजद के 18-19 विधायक जदयू के संपर्क में हैं। राजद के विधायकों की संख्या 25 है।
विधायक दल में टूट के लिए इतने ही विधायकों की जरूरत है, जिसका दावा नीरज कर रहे हैं। राजद भी पीछे नहीं है। उसके प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी बता रहे हैं कि जदयू के 65 विधायक उनके दल के संपर्क में हैं।
जदयू विधायकों की संख्या 85 है। विभाजन के लिए 64 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। तिवारी इस जरूरत से एक अधिक विधायक का दावा कर रहे हैं।
इस प्रकरण में कमाल का दावा कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने किया है। उनकी राजनीतिक परवरिश राजद में ही हुई है, जिसे अब वे भ्रष्टाचार की पैदाइश बता रहे हैं।
2014 में राजद से अलग होकर भाजपा में चले गए। पहले सांसद बने। अब विधायक हैं। उन्हें भाजपा कोटा से कृषि मंत्री बनाया गया है।
उन्होंने शुक्रवार को दावा किया-राजद के सभी 25 विधायक हमारे संपर्क में हैं। वह पार्टी खाली हो जाएगी। राजद के विधायकों की यह कुल संख्या है, जिनमें विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हैं।
रालोमो में भी टूट की चर्चा
राष्ट्रीय लोक मोर्चा में टूट की चर्चा भी तेजी से चल रही है। लेकिन, यह नहीं बताया जा रहा है कि इनके विधायक टूट कर किस दल से जुड़ेंगे।
टूट का कयास इस आधार पर लगाया जा रहा है कि मोर्चा के चार में से तीन विधायक कुशवाहा की ओर से दी गई दावत में नहीं आए। उपेंद्र कुशवाहा इन चर्चाओं को फालतू करार दे रहे हैं।

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