बिहार गृह विभाग की रिपोर्ट: माओवाद प्रभावित जिले शून्य, 4 जिलों पर एहतियातन रखी जा रही नजर
बिहार में माओवाद की जड़ें अब उखड़ चुकी हैं, 2013 में 22 जिले प्रभावित थे और अब एक भी नहीं है। गृह विभाग के अनुसार, गयाजी, औरंगाबाद, जमुई और लखीसराय मे ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में माओवाद की जड़ें अब उखड़ चुकी हैं। राज्य में एक भी जिला वामपंथी उग्रवाद प्रभावित नहीं रहा, जबकि 2013 में इनकी संख्या 22 थी। गृह विभाग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चार जिलों को केंद्र सरकार ने अब भी लेगसी एवं थ्रस्ट जिलों के रूप में चिह्नित किया हुआ है।
इनमें गयाजी, औरंगाबाद, जमुई और लखीसराय जिला शामिल है। यह ऐसे जिले हैं, जहां माओवाद का प्रभाव कम तो हुआ है, लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सरकार इन जिलों में विकास और सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर देती है, ताकि माओवादी फिर से अपनी जड़ें न जमा सकें।
इन इलाकों में निगरानी बढ़ाने के लिए 27 पुलिस थानों के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई थी जिसका निर्माण पूरा हो चुका है।
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, एसटीएफ की इस साल 15 दिसंबर तक की गई कार्रवाई में 1727 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें 141 इनामी अपराधी थे। इनमें से 52 अपराधियों को राज्य के बाहर से गिरफ्तार किया गया है।
वहीं, एसटीएफ की कार्रवाई में इस साल 220 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की माओवादियों के साथ दो मुठभेड़ भी हुई है, जिसमें एक माओवादी मारा गया है।
एसटीएफ की कार्रवाई में 59 नियमित हथियार, तीन पुलिस के लूटे हुए हथियार, 496 देसी हथियार, 2166 कारतूस, 299 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ, 135 लैंडमाइन एवं केन बम, 168 डेटोनेटर की बरामदगी की गई है। इसके अलावा 20 अवैध लुघ बंदूक कारखानों का उद्भेदन भी किया गया है।

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