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    Bihar News: LNJP अस्पताल में गंभीर संकट, मरीज हो रहे परेशान

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 07:53 AM (IST)

    बिहार के एलएनजेपी अस्पताल में गंभीर संकट छाया हुआ है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में व्यवस्था चरमरा गई है और मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

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     एलएनजेपी अस्पताल में गंभीर संकट 

    जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी स्थित लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) हड्डी अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज में भारी परेशानी है। इसकी मूल वजह यहां बेड की कमी बतायी जाती है। बिस्तरों की कमी, बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण हर दिन दुर्घटना पीड़ित दर्जनों मरीजों को यहां से मरीजों को मजबूरी में लौटना पड़ता है।

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    यह अस्पताल राज्य का प्रमुख हड्डी उपचार केंद्र माना जाता है। अस्पताल की इमरजेंसी में महज 10 बेड होने के कारण गंभीर मरीजों को भर्ती होने के लिए चक्कर लगाना पड़ता है। मजबूरी में दूसरे सरकारी या निजी अस्पताल में जाना पड़ता है। बताया जाता है कि अस्पताल में कुल 124 बेड हैं।

    इनमें 10 बेड इमरजेंसी, 18 बेड एचडीयू, 10 बेड आइसीयू, 24 बेड स्पाइन एवं 80 बेड का हड्डी वार्ड है। इसमें स्पोर्ट इंज्यूरी सेंटर भी शामिल है। निदेशक डा. सरसिज नयनम ने बताया कि अस्पताल में काफी मरीज पहुंचते हैं।

    बेड के आभाव में कुछ मरीज भर्ती नहीं हो पाते हैं। उन्होंने बताया कि 400 बेड का नया भवन बन रहा है, जो अगले कुछ महीने में तैयार हो जाएगा। इसके बाद मरीजों को कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

    नए भवन अब तक तैयार नहीं

    एलएनजेपी अस्पताल को एक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना थी, लेकिन इस योजना में गंभीर तकनीकी खामियां सामने आई हैं। बीएमएसआइसीएल द्वारा निर्मित नए भवन में आपरेशन थिएटर और वार्ड के बीच तकनीकी पेंच फंसा है।

    दोनों के बीच सही तरीके से कनेक्शन नहीं होने के कारण आपरेशन के बाद मरीजों को वार्ड तक लाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि लिफ्ट का भी अक्सर काम करना बंद रहता है। इसके कारण मरीजों को गंभीर स्थिति में भी उठाकर वार्ड में शिफ्ट करना पड़ता है, जो उनकी स्थिति को और अधिक गंभीर बना सकता है।

    ब्लड बैंक की कमी

    एलएनजेपी अस्पताल में आक्सीजन का मामला दूर हो रहा है, जबकि यहां ब्लड बैंक की कमी बड़ा परेशानी है। ट्रामा सेंटर होने के बावजूद अस्पताल के पास अपना ब्लड बैंक नहीं है।

    यह स्थिति विशेष रूप से दुर्घटना पीड़ित मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि सही समय पर ब्लड आपूर्ति न मिलने से उनकी जान को खतरा हो सकता है।

    आइसीयू की स्थिति भी चिंताजनक

    अस्पताल में आइसीयू तो है, लेकिन यह मानक को पूरा नहीं करने के कारण मरीजों के लिए परेशानी का कारक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आइसीयू में बेड्स की तंग स्थिति के कारण दो बेडों के बीच दूरी बहुत कम होती है, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। इस प्रकार की स्थिति में मरीजों के लिए इलाज सुरक्षित और प्रभावी होना मुश्किल हो जाता है।

    सुरक्षा व्यवस्था घेरे में

    एलएनजेपी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था भी बहुत कमजोर है। अस्पताल की चारदीवारी टूटी हुई है, इससे असामाजिक तत्वों का अस्पताल परिसर में घुसना आसान हो जाता है। इससे मरीजों और उनके परिजनों के सामान की चोरी की घटनाएं भी बढ़ी हैं।

    कई बार परिजनों ने एफआइआर दर्ज कराई है, लेकिन सुरक्षा इंतजामों में सुधार नहीं हुआ है। पूरे परिसर में केवल 10 सीसीटीवी कैमरे हैं, जो निगरानी के लिए अपर्याप्त हैं।

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