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    Bihar Land Survey: बिहार में जमीन म्यूटेशन को लेकर आफत, हंगामे के बाद भी DM नहीं ले रहे दिलचस्पी!

    Updated: Mon, 14 Oct 2024 01:51 PM (IST)

    Bihar Land Survey बिहार में जमीन म्यूटेशन को लेकर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष भूमि सर्वेक्षण में भी यह एक बड़ा बाधक बन रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की रिपोर्ट भी कह रही है कि जिलों में तैनात डीएम भी इस मामले में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में आमजन और किसानों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

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    Bihar Land Survey : जमीनों के म्यूटेशन को लेकर हंगामा, फिर भी डीएम नहीं दिखा रहे दिलचस्पी।

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Bhumi Survey : बिहार में सबसे अधिक हंगामा जमीन के म्यूटेशन को लेकर है। विशेष भूमि सर्वेक्षण में भी इसे बड़ा बाधक माना जा रहा है। लेकिन, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जिलों में तैनात डीएम जैसे शीर्ष अधिकारी इस विषय में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं।

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    म्यूटेशन के पुनरीक्षण मामलों में डीएम की कोर्ट में निर्णय लिया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर महीने में राज्य के किसी डीएम ने कोर्ट में एक भी मामले का निबटारा नहीं किया। म्यूटेशन के आवेदन सीओ कार्यालय में दिए जाते हैं।

    सीओ के निर्णय पर आपत्ति हो तो डीसीएलआर, और डीसीएलआर के निर्णय पर आपत्ति की हालत में एडीएम कोर्ट में अपील की जाती है। यहां के निर्णय से असंतुष्ट होने पर आवेदक डीएम की कोर्ट में अपील करते हैं।

    डीएम की भूमिका का मूल्यांकन

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कामकाज से संबंधित जिस रिपोर्ट में डीएम की भूमिका का मूल्यांकन किया गया है, उसके अनुसार सितंबर में राज्य के 38 में से किसी एक डीएम ने भी कोर्ट से मामले का निष्पादन नहीं किया।

    यही हाल म्यूटेशन के पर्यवेक्षण का है। इसके लिए सौ में से 25 अंक निर्धारित हैं। हरेक मानदंड में नम्बर एक पर रहे बांका के डीएम अंशुल कुमार को म्यूटेशन के पर्यवेक्षण में 21.87 अंक मिले हैं। सभी मानदंडों पर पिछड़े अररिया के डीएम अनिल कुमार को 9.30 अंक मिला है।

    पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह को इसमें 15.81 अंक मिला है। 38 जिलों में पटना का 34 वां स्थान है। परिमार्जन प्लस पोर्टल पर निष्पादित मामलों के पर्यवेक्षण में भी डीएम को कम अंक मिले हैं।

    इसमें तो टॉपर बांका के डीएम को भी 25 में सिर्फ 3.37 अंक मिला है। औरंगाबाद के डीएम श्रीकांत शास्त्री का पांचवा रैंक है। वह भी म्यूटेशन के पर्यवेक्षण में पिछड़ गए हैं। उन्हें इसमें 25 में 1.51 अंक आया है।

    आम लोग और किसान किन बातों का रखें ध्यान?

    • अपनी जमीन का म्यूटेशन कराने से पहले आम लोगों और किसानों को कुछ बातें जरूर ध्यान में रखनी चाहिए।
    • आमजन अपनी जमीन से जुड़े कागजातों को दुरुस्त रखें। इससे भूमि सर्वे होने पर मालिकाना हक मिलने में दिक्कत नहीं होगी।
    • किसान भूमि सर्वेक्षण से पहले मेढ़ों (आर) को ठीक कर लें। इसके साथ ही अपनी भूमि का सही सीमांकन करा लें।
    • भूमि सर्वेक्षण के समय रैयत अपने सभी कागजातों को दुरुस्त रखें। खेतों की चौहद्दी की भी सही जानकारी अपने पास रखें।
    • किसान ग्राम सभा में जाकर वंशावली सत्यापन सहित सभी कार्यों में सर्वेक्षण कर्मियों की मदद भी कर सकते हैं।
    • ध्यान रहे कि भूमि सर्वेक्षण से सम्बंधित प्रपत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से जमा किए जा सकते हैं।

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