Bihar Bhumi: बिना पैन के 30 लाख से अधिक की जमीन खरीद पर आयकर विभाग सख्त, निबंधन कार्यालयों को भेजे नोटिस
आयकर विभाग ने बिहार में 30 लाख से अधिक की जमीन खरीद-बिक्री में अनियमितता की आशंका पर सख्ती की है। पटना समेत कई निबंधन कार्यालयों को नोटिस भेजा गया है क्योंकि उन्होंने बिना पैन नंबर के रजिस्ट्री की जानकारी नहीं दी। सर्वेक्षण में कई अनियमितताएं मिलीं जिसके बाद विभाग अब बिना पैन संपत्ति खरीदने वालों की पहचान कर रहा है।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में 30 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की जमीन की खरीद-बिक्री में भारी अनियमितता की आशंका के चलते आयकर विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। इसके लिए आयकर विभाग ने प्रदेश के एक दर्जन निबंधन कार्यालयों को नोटिस भेजा है, जिन्होंने बिना पैन नंबर के संपत्ति की रजिस्ट्री की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी है।
इन कार्यालयों की ओर से यदि जल्द जानकारी आयकर विभागों को नहीं भेजा जाता है तो निबंधन कार्यालय सर्च के लिए पहुंच सकती है। आयकर विभाग के अनुसार, नियमानुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा 30 लाख रुपये या उससे अधिक की जमीन खरीदने पर पैन नंबर देना अनिवार्य है।
अगर खरीदार के पास पैन नहीं है, तो उसे फार्म-60 भरना होता है, और संबंधित निबंधन कार्यालय को यह जानकारी आयकर विभाग को भेजनी होती है। मगर बिहार के कई निबंधन कार्यालयों ने इस नियम का पालन नहीं किया।
गया और पटना में आयकर विभाग का सर्वे
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आयकर विभाग ने पहले पटना, और फिर गया के निबंधन कार्यालयों में सर्वेक्षण किया। पटना कार्यालय में 2021-22 से लेकर 2023-24 तक की जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेज खंगाले गए, गया में भी काफी संख्या में ऐसे दस्तावेज सामने आएं जिनमें 30 लाख रुपये से अधिक की जमीन की रजिस्ट्री तो हुई, लेकिन पैन नंबर या फॉर्म-60 की जानकारी अधूरी या पूरी तरह गायब थी।
बताया जाता है कि आयकर विभाग अब उन लोगों की पहचान कर रहा है जिन्होंने बिना पैन के बड़ी संपत्ति खरीदी है। ऐसे लोगों को जल्द ही नोटिस भेजा जा सकता है और उनकी आय के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी जाएगी।
निबंधन कार्यालय भी जांच के घेरे में
जिन निबंधन कार्यालयों ने जानकारी साझा नहीं की या गलत जानकारी भेजी, वे भी आयकर विभाग की रडार पर हैं। विभाग ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नियमों का पालन न करने वाले कार्यालयों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई के बाद राज्य भर के निबंधन कार्यालयों में हड़कंप मच गया है।
अधिकारियों को अपने-अपने रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दिए गए हैं। आयकर विभाग का कहना है कि यह कदम काले धन और बेनामी संपत्तियों पर रोक लगाने के लिए जरूरी है।
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