Bihar Bhumi: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, जमीन रजिस्ट्री के समय होगी प्लॉट की GIS मैपिंग
बिहार सरकार जमीन निबंधन में धोखाधड़ी रोकने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। अब प्लॉट के निबंधन के समय जीआईएस मैपिंग की जाएगी, जिसमें अक्षांश-देशांतर और तस् ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में जमीन के निबंधन (Bihar Land Registry) में होने वाले फर्जीवाड़े और धांधली को रोकने के लिए राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब जमीन के निबंधन के समय प्लॉट के हिस्से की जीआईएस मैपिंग (भौगोलिक सूचना प्रणाली मानचित्रण) भी की जाएगी।
इसमें प्लॉट के अक्षांश-देशांतर के साथ तस्वीर भी अपलोड करनी होगी, ताकि प्लॉट का सत्यापन हो सके। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है।
निबंधन डीआईजी सुशील कुमार सुमन ने बताया कि जमीन की जीआईएस मैपिंग करने का प्रस्ताव है। इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
विभागीय जानकारी के अनुसार, जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल होने से जमीन संबंधी सूचनाओं का डिजिटलीकरण, मैपिंग के साथ भौगोलिक संदर्भों का सटीक विश्लेषण संभव हो सकेगा।
इससे निबंधन प्रक्रिया में पारदर्शिता तो आएगी ही, नागरिक सुविधाएं भी बेहतर होंगी। प्लॉट की तस्वीर के साथ जीआईएस मैपिंग से इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकेगा। इससे जमीन की पहचान आसान होगी।
छह लाख 20 हजार को ऑनलाइन मिली रजिस्टर्ड डीड:
निबंधन विभाग ने इसी साल जुलाई में ई-निबंधन सॉफ्टवेयर भी लागू किया है। अब निबंधित दस्तावेज की पीडीएफ कॉपी उसी दिन लोगों को वाट्सएप पर भी मुहैया कराई जा रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार, 19 दिसंबर तक कुल छह लाख 20 हजार 551 लाभार्थियों को रजिस्टर्ड डीड की ऑनलाइन कॉपी भेजी गई है।
ई-निबंधन के माध्यम से घर बैठे जमीन, फ्लैट आदि के निबंधन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के समय ही ऑनलाइन भुगतान और फीस की गणना कर अपॉइंटमेंट बुकिंग की सुविधा दी जा रही है।
नागरिकों को केवल अपॉइटमेंट की तारीख को निश्चित समय पर एक बार निबंधन कार्यालय में हाजिर होकर फोटो, बायोमेट्रिक एवं केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसके बाद दस्तावेज का निबंधन कर दिया जाता है। इसके साथ उसी दिन निबंधित दस्तावेज की प्रति भी प्राप्त की जाती है।

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