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    Bihar Land Record: जमाबंदियों में सुधार के लिए विशेष शिविरों का होगा आयोजन, 15 मार्च तक चलेगा अभियान

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 05:04 PM (IST)

    बिहार सरकार जमीन की जमाबंदी में सुधार के लिए विशेष अभियान चला रही है। 15 मार्च तक चलने वाले इस अभियान में जमाबंदी स्कैन और ऑनलाइन प्रति का मिलान किया जाएगा। मूल जमाबंदी में दर्ज रैयत या भूमि संबंधी विवरण को हूबहू ऑनलाइन किया जाएगा। इस अभियान से जमाबंदी में त्रुटियों का निराकरण होगा और आम लोगों को जमीन संबंधी जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

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    जमाबंदियों में सुधार के लिए विशेष शिविरों का होगा आयोजन, 15 मार्च तक चलेगा अभियान

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन की जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) में सुधार करने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रहा है। विभाग के सचिव जय सिंह ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने जिलों में शिविरों का आयोजन करें। इसे 15 मार्च 2025 तक पूरा करना है।

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    राजस्व कर्मचारियों द्वारा हरेक मौजा की मूल जमाबंदी का स्कैंड और ऑनलाइन प्रति से मिलान किया जाएगा। जहां जमाबंदी स्कैंड नहीं हो सकी है, वहां मूल प्रति से मिलान करने के बाद सभी भागों सहित पृष्ठवार सुधार किया जाएगा।

    कर्मचारियों को यह भी निदेश दिया गया है कि मूल जमाबंदी में दर्ज रैयत (मालिक) या भूमि संबंधी विवरण को हूबहू ऑनलाइन करें। पत्र में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में मूल जमाबंदी में अंकित आकड़ों के अतिरिक्त कोई अन्य प्रविष्टि या सुधार या मूल जमाबंदी में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करें।

    ई-जमाबंदी मॉड्यूल का होगा प्रयोग

    सभी मौजा की सभी जमाबंदी को डिजिटाइज या उसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार मौजावार करना है। जमाबंदी में सुधार के लिए ई-जमाबंदी मॉड्यूल (Bihar E-Jamabandi) का प्रयोग होगा। शिविर का आयोजन जिलाधिकारी के निर्देश के अनुसार होगा। हल्का कर्मचारी को अपने हल्के के सभी मौजों में सुधार की जिम्मेदारी दी गई है।

    पत्र कहा गया है कि अगर परिमार्जन, परिमार्जन प्लस, दाखिल-खारिज या स्वतः संज्ञान होने पर अंचल अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार किया जा चुका है तो मूल जमाबंदी से मिलान करते समय वैसी जमाबंदी में संशोधन नहीं करना है।

    मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने दी जानकारी

    राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने ऑनलाइन जमाबंदियों के जल्द से जल्द त्रुटिरहित करने की आवश्यकता बताई है।

    उन्होंने कहा कि भूमि सर्वे एवं बंदोबस्त कार्यक्रम में जमाबंदियों को परिमार्जित और डिजिटाइज्ड होना अति आवश्यक है। डिजिटली हस्ताक्षरित अधिकार अभिलेख देने की गुणवत्ता भी इस कार्य से जुड़ा है।

    क्या लाभ होगा?

    जमाबंदी के जरिए भूमि का अंतरण पता चलता है। वर्ष 2017 में सबसे पहले सभी सदर अंचलों में आनलाइन जमाबंदी शुरू की गई थी। अक्टूबर, 2018 में पूरे बिहार के सभी अंचलों में लागू कर दिया गया था। उस दौरान कई प्रकार की त्रुटियां रह गई थीं। वर्तमान में विभाग की कवायद उन्हीं छूटी हुई और गलत आनलाइन की जमाबंदी में सुधार से संबंधित है।

    सभी जमाबंदी ऑनलाइन

    वर्तमान में 4.39 करोड़ जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है। हालांकि, विभाग द्वारा परिमार्जन एवं परिमार्जन प्लस पोर्टल के जरिए जमाबंदियों में त्रुटियों का निराकरण किया गया है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में आमलोगों/रैयतों द्वारा जमाबंदी में त्रुटियों से संबंधित शिकायत पत्र दिए जा रहे हैं। विशेष अभियान से उनकी शिकायत दूर होगी।

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