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    Expressway: बिहार के दो बड़े एक्सप्रेसवे को लेकर आ गया नया अपडेट, 13 जिलों में होने जा रहा यह काम

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 04:00 PM (IST)

    पटना-पूर्णिया और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण और डीपीआर की प्रक्रिया एक साथ शुरू होगी। इन दोनों परियोजनाओं के लिए 13 जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 282 किमी है और इसके लिए 90 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा। वहीं गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई 568 किमी है और बिहार में इसके तहत 417 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले दिनों पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के एलायनमेंट को अपनी अनुमति प्रदान की थी। अब इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर की प्रक्रिया आगे बढ़नी है।

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    एनएचएआई से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर तैयार किए जाने की प्रक्रिया साथ-साथ चलेगी। इन दोनों परियाेजनाओं के लिए 13 जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।

    अब इस पर है तैयार

    एनएचएआई के संबंधित अधिकारी ने कहा कि दोनों एक्सप्रेस वे का निर्माण ग्रीन फील्ड प्राेजेक्ट के तहत किया जाना है। इसलिए जमीन अधिग्रहण तो बड़े स्तर पर होना है।

    पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 282 किमी है। इस एक्सप्रेस वे के लिए 90 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होना है।

    इसके तहत वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा व मधेपुरा जिले में जमीन का अधिग्रहण होना है। लक्ष्य यह है कि अगले छह माह के अंदर इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो जाए।

    योजना यह है कि जमीन अधिग्रहण और प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाए जाने का काम साथ-साथ चले। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को डीपीआर कंसलटेंट के लिए निविदा करनी है।

    वहीं, गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लंबाई 568 किमी है और बिहार में इसके तहत 417 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है।

    इस प्रोजेक्ट के एलायनमेंट के तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस प्राेजेक्ट के लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा।

    काला के गठन के लिए संबंधित जिलों को लिखा जा रहा

    जिन जिलों से दोनों एक्सप्रेस वे गुजर रहे उनके जिलाधिकारियों काे कंपीटेंट आथिरिटी आफ लैंड एक्वजीशन (काला) के गठन के लिए लिखा जा रहा।

    सड़क प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण की मानीटरिंग काला के माध्यम से ही की जाती है। जमीन की प्रकृति किस तरह की है इस बारे में भी काला की ही रिपोर्ट पर मुआवजा की दर तय होती है।

    इन दो परियोजनाओं के लिए इन जिलों में जमीन अधिग्रहण

    • वैशाली
    • समस्तीपुर
    • दरभंगा
    • सहरसा
    • मधेपुरा
    • पश्चिमी चंपारण
    • पूर्वी चंपारण
    • शिवहर
    • सीतामढ़ी
    • मधुबनी
    • सुपौल
    • अररिया
    • किशनगंज

    क्षतिग्रस्त सड़कों की अब तक मरम्मत नहीं

    भैरोगंज में संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है। जिसके कारण वाहन चालक एवं राहगीरों को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि

    सरकार के द्वारा गांव के नगर से जोड़ने एवं मुख्य सड़क से संपर्क सड़कों को जोड़ने की योजना लगातार चल रहा है। इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

    इससे लोगों को राहत मिल सके, लेकिन सड़कों के निर्माण का कार्य जिस तरह से किया जाता है, उस हिसाब से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है।

    इससे सड़कों के टूटने का खतरा बना रहता है। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। बेलवा से त्रिभौनी जानेवाली मुख्य सड़क पर भी कुछ ऐसा ही हाल है।

    लगभग चार किलोमीटर लंबी यह सड़क बेलवा से त्रिभौनी होते हुए सीधे भैरोगंज को जोड़ती है। इसका लाभ बरवा, त्रिभौनी, तोनवा लक्ष्मीपुर, खरहट ,भैरोगंज गांव इत्यादि दर्जनों गांव के ग्रामीणों को होता है।

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