बिहार-झारखंड के अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह अखिलेश सिंह गुड़गांव से गिरफ्तार
बिहार और झारखंड का इनामी शातिर अपराधी गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद उसे घायल अवस्था में उसके आलीशान फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है।
पटना [जेएनएन]। बिहार-झारखंड का डॉन कहा जाने वाला शातिर अपराधी अखिलेश सिंह गुरूग्राम से गिरफ्तार किया गया है। उसे आज सुबह झारखंड पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने हरियाणा के गुड़गांव से गिरफ्तार किया है। जमशेदपुर का यह शातिर अपराधी पुलिस इंस्पेक्टर पर गोली चलाने समेत कई मामलों में वांछित था। उस पर 7 लाख रुपए का इनाम घोषित है।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया है कि अखिलेश सिंह की गिरफ्तारी को लेकर जमशेदपुर पुलिस की एक टीम कई दिनों से दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में डेरा डाले हुई थी। सूचना थी कि अखिलेश सिंह दिल्ली के अासपास ही कहीं छिपा है।
पुलिस को जैसे ही गुड़गांव के एक आलीशान फ्लैट में उसके छिपे होने की सूचना मिली तो गुड़गांव पुलिस की क्राइम ब्रांच के सहयोग से झारखंड पुलिस ने मंगलवार देर रात डीएलएएफ इलाके में स्थित बी-520बी सुशांत लोक में छापामारी की। पुलिस के वहां पहुंचते ही अखिलेश और उसके गुर्गों ने पुलिस पर गोलियां चला दी।
- पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगने से अखिलेश घायल हो गया। घायल अवस्था में ही उसे गिरफ्तार कर गुड़गांव के ही एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
- अखिलेश के साथ ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की भी सूचना है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है और किन-किन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटनास्थल से कौन-कौन से और कितने हथियार बरामद हुए हैं, इसकी भी जानकारी पुलिस ने नहीं दी है।
अखिलेश सिंह मूलरूप से बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के नगवां गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम चंद्रगुप्त सिंह है जो पुलिस विभाग में कार्यरत थे। साथ ही वे बिहार-झारखंड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री भी रहे थे।
पिता की नौकरी के कारण पूरा परिवार लंबे समय से झारखंड के जमशेदपुर शहर में रहता है। झारखंड की राजनीति में पिता की मजबूत पकड़ है। अखिलेश सिंह पर कुल 52 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जेलर की हत्या के बाद अखिलेश सिंह अाया था चर्चा में
जमशेदपुर में जेलर उमाशंकर पांडेय की हत्या के बाद अखिलेश सिंह का नाम चर्चा में अाया था। जेलर उमाशंकर पांडेय भी अखिलेश के गांव नगवां के पड़ोसी गांव के रहने वाले थे। जिस दिन जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में भारत-वेस्ट इंडीज का मैच चल रहा था, उसी दिन अखिलेश सिंह ने एक जेलर की हत्या कर दी थी।
इस घटना के बाद उसने जमशेदपुर में और कई बड़ी घटनाअों को अंजाम दिया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कई साल तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर छूटा। फिर फरार हो गया था।
ट्रांसपोर्टर की हत्या के बाद पुलिस ने की थी अखिलेश के घर की कुर्की
डॉन अखिलेश सिंह की तालाश वैसे तो पुलिस को कई बड़े अापराधिक मामलों में थी, लेकिन इस साल के शुरुअात में जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर में हुई ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद पुलिस ने अखिलेश सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी थी। पुलिस ने इस घटना के बाद उसके घर की कुर्की-जब्ती की थी। इसके अलावा पुलिस ने उसके गैंग के कई अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था।
अखिलेश व उसके गैंग ने इन बड़ी घटनाअों को अंजाम दिया है
- 2 नवंबर 2007- साकची आम बागान के पास श्री लेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या
- 15 मार्च 2008 - साकची में रवि चौरसिया पर फायरिंग
- 20 मार्च 2008- साकची में पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग
- 16 मई 2008 - साकची में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे के घर पर फायरिंग
- 25 जुलाई- बिष्टुपुर में कांग्रेसी नेता नट्टू झा के कार्यालय पर गोली चली
- 17 अगस्त 2008- बर्मामाइंस में अपराधी परमजीत सिंह के भाई सत्येंद्र सिंह की ससुराल में फायरिंग
- 28 अगस्त 2008- साकची में ठेकेदार रंजीत सिंह पर फायरिंग
- 17 सितंबर 2008- एमजीएम अस्पताल मोड़ पर बंदी परमजीत सिंह पर फायरिंग
- 4 अक्टूबर 2008-बिष्टुपुर में बाग-ए-जमशेद के पास टाटा स्टील के सुरक्षा अधिकारी जयराम सिंह की हत्या
- 2008- बिष्टुपुर में कीनन स्टेडियम के पास ट्रांसपोर्टर अशोक शर्मा की हत्या
पिछले माह चली थी अखिलेश के पिता पर गोली
पिछले माह अखिलेश सिंह के पिता चंद्रगुप्त सिंह के ऊपर दो अपराधियों ने फायरिंग की थी। फायरिंग की घटना तब हुई थी, जब वह अपने घर के बाहर कुछ लोगों के साथ बैठे थे। फायरिंग में चंद्रगुप्त सिंह के करीबी को गोली लगी थी। चंद्रगुप्त सिंह झारखंड पुलिस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. रिटायर होने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हैं।
बदमाश के पैर में लगी पुलिस की गोली। बचने के लिए पुलिस पार्टी पर चलाई थी गोली। पुलिस कर्मियों ने बचाव में चलाई गोली। सुबह करीब 4 बजे की घटना। बदमाश को पकड़ने आईं थी झारखंड पुलिस। यहां की पुलिस टीम की ली थी मदद। सुशांत लोक में रह रहा था अखिलेश। उसे जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।