Bihar Budget: 1500 करोड़ बढ़ा गृह विभाग का बजट, महिला सिपाहियों को थाने के पास मिलेगा आवास
बिहार सरकार गृह विभाग के बजट में 1500 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। महिला पुलिसकर्मियों के लिए थाने के पास आवास की व्यवस्था की जाएगी। राज्य में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के आफ कैंपस की स्थापना होगी। बेहतर विधि-व्यवस्था के लिए डायल-112 सेवा को और भी चुस्त-दुरुस्त किया गया है। 300 कब्रिस्तानों की पक्की घेराबंदी और 572 मंदिरों की चहारदीवारी निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

कुमार रजत, पटना। गृह विभाग के बजट में करीब डेढ़ हजार करोड़ की बंपर वृद्धि की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में गृह विभाग का बजट 16 हजार 323 करोड़ रुपये था जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 17 हजार 831 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह बिहार के कुल बजट का 5.63 प्रतिशत है।
गृह विभाग की योजनाओं को पूरा करने के लिए स्कीम मद में भी करीब 380 करोड़ रुपये अधिक मिले है। पहले स्कीम मद में करीब 855 करोड़ का बजट था जो अब बढ़कर 1233 करोड़ कर दिया गया है। यह राशि बेहतर पुलिसिंग, आधुनिक तकनीक, आधारभूत संरचना और पुलिसकर्मियों के कल्याण पर खर्च किए जाएंगे।
बिहार पुलिस में करीब 30 हजार महिला पुलिसकर्मी हैं। महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके आवासन की विशेष व्यवस्था इस बजट में की गई है। महिला सिपाहियों के रहने के लिए राज्य सरकार किराये पर मकान लेगी। यह आवास थानों के आसपास लिए जाएंगे जहां महिला सिपाहियों के आवासन की व्यवस्था की जाएगी।
इसके साथ ही बेहतर तकनीकी अनुसंधान के लिए राज्य में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के आफ कैंपस की स्थापना की जाएगी। केंद्र सरकार से इसकी स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा पटना के विधि विज्ञान प्रयोगशाला और राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में साइबर फारेंसिक प्रयोगशाला की दो इकाई स्थापित किए जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
260 ओपी थानों में अपग्रेड, नौ क्षेत्रीय एफएसएल का निर्माण शुरू:
बिहार पुलिस बल पिछले 15 सालों में ढाई गुना से भी अधिक हो गया है। वर्ष 2005 से पहले बिहार में 42 हजार 481 पुलिसकर्मी थे। इस दौरान सिपाही से लेकर पदाधिकारी स्तर तक हुई बहाली के फलस्वरूप पुलिसकर्मियों की संख्या एक लाख दस हजार तक पहुंच गई है। राज्य में बेहतर विधि-व्यवस्था नियंत्रण को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में 260 ओपी को थानों के रूप में अपग्रेड किया गया है।
इसके अलावा, 24 रेल ओपी को भी रेल थाने में उत्क्रमित किया जा चुका है। राज्य में 44 नए साइबर थानों और 28 यातायात थानों का सृजन भी हुआ है।नौ क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए भवन निर्माण का काम शुरू किया गया है। इसके अलावा बिहार पुलिस के शेष थानों के निर्माण, पुलिस कार्यालय एवं आवासीय भवनों के निर्माण का काम भी तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
डायल-112 से घरेलू हिंसा के 1.43 लाख मामलों में मिली मदद:
बेहतर विधि-व्यवस्था के लिए डायल-112 की सेवा को और भी चुस्त-दुरुस्त किया गया है। इस सेवा से चिकित्सा, अग्निशमन सेवा, महिला एवं बच्चों की सुरक्षा और हाईवे पेट्रोलिंग को भी जोड़ा गया है। डायल-112 की शुरुआत के समय सहायता पहुंचने का औसत समय एक घंटे से भी अधिक था जो अब घटकर 15 मिनट रह गया है।
वर्ष 2024 में घरेलू हिंसा के एक लाख 43 हजार 620 मामलों में डायल-112 से मदद पहुंचाई गई है। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षित सफर सुविधा का विसतार भी जिलों में किया गया है।
300 कब्रिस्तानों की होगी घेराबंदी, 54 मंदिरों की बनेगी चहारदीवारी:
नए वित्तीय वर्ष में 300 कब्रिस्तानों की पक्की घेराबंदी और 572 मंदिरों की चहारदीवारी निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। कब्रिस्तानों की घेराबंदी की प्राथमिकी सूची में 9,273 में 8,808 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है।
वहीं बिहार मंदिर चहारदीवारी योजना के अंतर्गत कुल 572 मंदिरों के चहारदीवारी के निर्माण की स्वीकृति दी गई जिसमें 518 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं।
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