Bihar: खुशखबरी! शहरों में चलेंगी पिंक बसें, महिलाओं को ई-रिक्शा और स्कूटी खरीदने पर मिलेगी सब्सिडी
बिहार सरकार ने महिलाओं के लिए नए बजट (Bihar Budget 2025) में कई बड़ी घोषणाए की हैं। राज्य के प्रमुख शहरों में पिंक बसें चलेंगी जिनमें महिलाएं ही ड्राइवर और कंडक्टर होंगी। महिलाओं को ई-रिक्शा और स्कूटी खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी। परिवहन निगम में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण होगा। महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। परिवहन विभाग का नया बजट महिलाओं को उपहार देने वाला है। महिलाओं की सुरक्षित यात्रा से लेकर उन्हें परिवहन क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने तक कई नई योजनाएं वित्तीय वर्ष 2025-26 में लॉन्च की गई हैं। इस कारण बजट का आकार भी करीब 80 करोड़ बढ़ाया गया है।
इसमें योजना मद में 40 करोड़ की राशि बढ़ाई गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभागीय बजट 451.46 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 530.99 करोड़ कर दिया गया है। इसमें स्कीम मद में राशि 242 करोड़ से बढ़कर 282 करोड़ कर दी गई है।
इन शहरों में चलेंगी पिंक बसें
परिवहन विभाग की ओर से पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया समेत राज्य के प्रमुख शहरों में पिंक बसें चलाई जाएंगी। सबसे खास बात यह कि इन बसों में सवारी, ड्राइवर और कंडक्टर सभी महिलाएं होंगी।
इसके लिए परिवहन विभाग महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर का विशेष प्रशिक्षण दिलाएगा। राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रशिक्षक भी महिलाएं ही होंगी।
33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा
परिवहन निगम से ड्राइवर, कंडक्टर और डिपो मेंटेनेंस स्टाफ के पदों पर महिलाओं के लिए एक तिहाई यानी 33 प्रतिशत पद आरक्षित कराए जाएंगे।
महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को नगद अनुदान भी दिया जाएगा। महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दोपहिया वाहन के व्यावसायिक परिचालन के उद्देश्य से खरीद के लिए अनुदान का प्रविधान किया गया है।
जल्द चलेंगी 400 ई-बसें, ई-वाहन खरीद पर अनुदान:
- परिवहन विभाग की योजना है कि नए वित्तीय वर्ष में राज्य में 400 ई-बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाए। यह बसें पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया शहरों में चलेंगी।
- बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के ई-वाहन तथा उनके चार्जिंग स्टेशनों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अनुदान और टैक्स में छूट का प्रविधान किया गया है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत अब तक 132 लाभुकों को 6.60 करोड़ रुपये का भुगतान वाहन खरीद पर दिया गया है।
ग्राम परिवहन योजना के तहत 45 हजार लाभुकों को अनुदान दिया गया है। इसके तहत 670 लाभुकों के द्वारा एंबुलेंस की खरीद की गई है।
विकास की सूरत गुलाबी
कभी उन्हें देहरी में दबोच कर रखा गया तो कभी पर्दे के भीतर। विवशता में इस जमात ने उसे ही अपनी नियति मान लिया था, जबकि वे आधी आबादी हैं। तब उन्हें अपनी हैसियत का अहसास भी नहीं था। अब वे मुखर हैं और बुलंद भी। वे बिहार की महिलाएं हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सकारात्मक सोच और सफल नीतियों की बदौलत राजनीति से लेकर नौकरी-रोजगार तक में सफलता के परचम लहरा रहीं।
उनका यह परचम और बुलंद हो, इसके लिए नए वित्तीय वर्ष (2025-26) के बजट में सरकार ने बहुआयामी घोषणाएं की हैं। बजट में महत्वपूर्ण 52 घोषणाएं हैं, जिनमें से 12 नितांत आधी आबादी के हित में। बाद बाकी घोषणाओं का लाभ भी वे पुरुषों के जैसे ही ले सकती हैं। वस्तुत: यह बढ़ते बिहार की बानगी है और सरकार के दृष्टिकोण का एक नमूना भी।
सरकार चाहती है कि विकास की पटरी पर दोनों पहिए बराबर चाल से आगे बढ़े, तभी मंजिल तक पहुंच पाएंगे। पुरुषों की तरह जब महिलाएं भी सशक्त-समर्थ होंगी तभी बिहार के विकास की दर दहाई अंक में बनी रहेगी और तभी प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी। नीतीश सरकार का यही लक्ष्य है। इसीलिए अपनी सत्ता के शुरुआती दौर में उन्होंने लड़कियों की शिक्षा और पंचायती राज के साथ नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की।
बाद में जीविका के माध्यम से गरीब ग्रामीण महिलाओं को कमाऊ बनाया गया। वह पहल अब शहरों तक बढ़ आई है। उसके आगे अब उनके लिए वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित होगा। चलंत व्यायामशाला बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत पटना से होगी। नए वित्तीय वर्ष के बजट में इसका प्रविधान कर दिया गया है। संकोच खुलेआम न हो, इसके लिए सभी प्रमुख शहरों में पिंक टायलेट बनेंगे और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास भी।
उनके आवागमन के लिए पिंक बसें चलेंगी, जिनमें ड्राइवर और खलासी भी महिलाएं ही होंगी। परिवहन निगम के मेंटेंनेंस विभाग में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, तो प्रमुख शहरों में उनके लिए चालक प्रशिक्षण केंद्र खुलेंगे। महिला सिपाहियों को रहने के लिए किराये पर कमरा लेकर दिया जाएगा।
ई-रिक्शा और दोपहिया की खरीद पर अनुदान मिलेगा तो वे पर्यटक गाइड भी बनाई जाएंगी। इन सबके आगे सरकार की दृष्टि में गांव-जवार का वह कोना भी है, जहां बेटियों के बरात के स्वागत हेतु गरीबों के पास जगह नहीं। अब सभी पंचायतोंं में कन्या विवाह मंडप का निर्माण होगा, जहां बैंड-बाजा और जश्न के बीच बेटियों के हाथ पीले होंगे।
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