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    अब बिहार के हस्तशिल्प को मिलेगा ग्लोबल मंच, उद्योग मंत्री ने दिए मल्टीनेशनल टाई-अप के संकेत

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 12:12 PM (IST)

    बिहार के हस्तशिल्प उद्योग को वैश्विक मंच मिलने की उम्मीद है। उद्योग मंत्री ने मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ टाई-अप के संकेत दिए हैं, जिससे राज्य के इस क् ...और पढ़ें

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    द्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने संकेत दिए

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के पारंपरिक हस्तशिल्प, खादी और हस्तकरघा उत्पादों को जल्द ही राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की संभावना है। उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने संकेत दिए हैं कि राज्य सरकार बिहार के हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ गंभीरता से पहल करेगी। इससे न सिर्फ कारीगरों को व्यापक बाजार मिलेगा, बल्कि रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे।

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    बुधवार को उद्योग विभाग के सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उद्योग मंत्री ने हस्तकरघा, रेशम उद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग तथा उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान से जुड़ी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, वित्तीय एवं भौतिक प्रगति, मानव संसाधन की स्थिति और आगामी कार्ययोजना पर गहन चर्चा की गई।

    उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार के पारंपरिक उद्योग, हस्तशिल्प और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को आधुनिक तकनीक, बेहतर डिजाइन, प्रभावी ब्रांडिंग और सशक्त विपणन व्यवस्था के जरिए नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर बिहार के लक्ष्य को लेकर लगातार काम कर रही है।

    बैठक में मंत्री ने विभाग में रिक्त पदों को लेकर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने निर्देश दिया कि खाली पदों के विरुद्ध शीघ्र अधियाचन भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जा सके। साथ ही सभी विभागीय कार्यों को लक्ष्य-आधारित और समयबद्ध ढंग से पूरा करने पर विशेष जोर दिया।

    राज्य के विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन खादी मॉल की प्रगति की समीक्षा करते हुए उद्योग मंत्री ने निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि खादी मॉल न केवल खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र होंगे, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को भी सशक्त करेंगे। इन मॉल के जरिए स्थानीय कारीगरों को स्थायी बाजार उपलब्ध कराया जाएगा।

    इसके अलावा बैठक में बिहार एम्पोरियम के आधुनिकीकरण पर भी चर्चा हुई। उद्योग मंत्री ने कहा कि एम्पोरियम के स्वरूप में सुधार कर उसे आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि बिहार के उत्पादों को बेहतर ब्रांडिंग और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।

    बैठक में विभागीय सचिव कुंदन कुमार, एमएसएमई निदेशक अमन समीर, हस्तकरघा एवं रेशम निदेशक विद्यानंद सिंह, उद्योग निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे योजनाओं की नियमित समीक्षा कर तय समयसीमा में लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करें।