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    पलायन नहीं, प्रगति का बिहार: हर बिहारी को यहीं रोजगार दिलाने का संकल्प—सम्राट चौधरी

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 10:44 AM (IST)

    बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य के हर बिहारी को बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। सरकार बिहार के युवाओं को यहीं शिक्षा ...और पढ़ें

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    दीप प्रज्वलित करके लिया संकल्प

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि उनका संकल्प है कि राज्य के हर बिहारी को बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि बिहार के युवा यहीं शिक्षा प्राप्त करें और यहीं काम करें, ताकि उन्हें रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन न करना पड़े। बिहार को अवसरों की भूमि बनाने के लिए सरकार हर मोर्चे पर योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है।

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    पटना के नेउरा स्थित एबीसी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में आयोजित वार्षिक समारोह ‘गूंज’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी और रोजगार सृजन का लक्ष्य तय किया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने अलग से विभाग का गठन किया है, जो रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसरों के सृजन पर केंद्रित होकर काम करेगा।

    अपने संबोधन में सम्राट चौधरी ने बिहार की गौरवशाली ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वही पावन भूमि है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, भगवान महावीर ने अहिंसा का संदेश दिया और गुरु गोविंद सिंह जी का अवतरण हुआ।

    उन्होंने कहा कि बिहार सृजन, संघर्ष और ज्ञान की धरती रही है और आज भी यहां अपार संभावनाएं मौजूद हैं। जरूरत है इन संभावनाओं को सही दिशा देने की।

    उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में रोजगार सृजन तभी संभव है जब राज्य में सुशासन और मजबूत कानून-व्यवस्था हो। उन्होंने बताया कि सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है।

    दानापुर से शुरू हुए विशेष सफाई अभियान के तहत अपराधियों पर निर्णायक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि कानून तोड़ने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

    उन्होंने कहा कि बिहारी मेहनती होते हैं और सुशासन में विश्वास रखते हैं। कुछ लोग अपने गलत कार्यों से बिहार की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं, लेकिन असली पहचान सृजन करने वाले बिहारियों की है।

    देश के हर कोने में बिहारियों ने अपने परिश्रम और प्रतिभा से पहचान बनाई है। अब सरकार चाहती है कि वही प्रतिभा बिहार के विकास में लगे और राज्य को आगे बढ़ाए।

    शिक्षा और कौशल विकास को बदलाव की मजबूत नींव बताते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि एक समय बिहार में मात्र छह मेडिकल कॉलेज थे और इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या भी बेहद कम थी।

    आज हालात तेजी से बदल रहे हैं। लगभग हर जिले में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई मात्र दस रुपये शुल्क पर कराई जा रही है, ताकि आर्थिक कमजोरी किसी छात्र की राह में बाधा न बने। पॉलिटेक्निक कॉलेजों की संख्या भी 13 से बढ़कर 53 हो चुकी है।

    युवाओं को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें शिक्षा के साथ-साथ कौशल पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। आज का दौर प्रतिस्पर्धा का है और जो युवा अपने क्षेत्र में दक्षता हासिल करेंगे, वही बिहार के असली ब्रांड एंबेसडर बनेंगे।

    उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए हरसंभव सहयोग कर रही है।

    सम्राट चौधरी ने बताया कि साइकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता जैसी योजनाओं का उद्देश्य यही है कि कोई भी छात्र आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रहे।

    महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए रोजगार, स्वरोजगार और वित्तीय सहायता की विशेष व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही नई औद्योगिक नीति के जरिए बिहार को उद्योग और निवेश का नया केंद्र बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि बिहार आज तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। कभी राज्य का कुल बजट महज छह हजार करोड़ रुपये हुआ करता था, जो अब बढ़कर तीन लाख सत्रह हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

    यह बदला हुआ बिहार है, जो युवाओं की मेहनत, जनता के विश्वास और सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले वर्षों में बिहार रोजगार और विकास के नए मानक स्थापित करेगा।