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    Bihar Government: बिहार में व्यवसायियों के लिए नई योजना, दुर्घटना मृत्यु पर आश्रित को मिलेंगे 5 लाख रुपये

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 06:49 PM (IST)

    बिहार सरकार ने व्यवसायियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना-2025 को मंजूरी दी गई है। साथ ही सीएनजी और पीएनजी पर वैट की दरें भी एक समान कर दी गई हैं जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

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    कर-दाता व्यवसायी की दुर्घटना मृत्यु पर आश्रित को मिलेंगे पांच लाख रुपये

    राज्य ब्यूरो, पटना। दुर्घटना से मृत्यु होने पर व्यवसायियों-कारोबारियों के कानूनी आश्रितों को अब पांच लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। इसके लिए बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना-2025 को मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिल गई है। इस लाभ के पात्र निबंधित नन-कारपोरेट श्रेणी के करदाता होंगे।

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    बिहार मूल्य वर्धित कर अधिनियम-2005 एवं राज्य माल और सेवा-कर अधिनियम-2017 के अधीन दुर्घटना मृत्यु अनुदान दिया जाएगा। सरकार की यह पहल न केवल व्यवसायियों के हितों की रक्षा करेगी, बल्कि उनके स्वजनों को आर्थिक संबल भी प्रदान करेगी।

    उपमुख्यमंत्री सह वाणिज्य-कर मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग इस योजना के क्रियान्वयन हेतु शीघ्र ही दिशा-निर्देश जारी करेगा एवं आवेदन प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देगा।

    सीएनजी-पीएनजी पर अब वैट की दर होगी एक बराबर

    प्राकृतिक गैस पर मूल्य-वर्द्धित कर यानी वैट की दरें अब एक बराबर होंगी। दरों मेंं समरूपता लाने और छोटे उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राज्य मंत्रिपरिषद ने इसका निर्णय लिया है। अब घरेलू एवं वाणिज्यिक उपयोग के लिए सीएनजी और पीएनजी पर वैट की दरें अलग-अलग नहीं होंगी।

    उपमुख्यमंत्री सह वाणिज्य-कर मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को बताया कि पहले केवल शहरी गैस वितरण नेटवर्क से 50000 एससीएमडी प्रतिदिन तक की बिक्री पर कर में कमी की गई थी।

    हालांकि, गेल द्वारा पाइप-लाइन के जरिए गैस की आपूर्ति करने और सीमा पार करने की स्थिति में अन्य प्राकृतिक गैस वितरक इकाइयों को पुरानी दर (20 प्रतिशत) पर ही टैक्स चुकाना पड़ रहा था, जिससे उपभोक्ताओं तक राहत नहीं पहुंच रही थी।

    इस विषमता को समाप्त करने और उपभोक्ताओं को सीधा लाभ दिलाने के उद्देश्य से अधिसूचना की शर्तों में आवश्यक संशोधन किया गया है। इससे गेल और अन्य प्राकृतिक गैस वितरक कंपनियां समान दर पर कर चुकाकर उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर सीएनजी और पीएनजी उपलब्ध करा सकेंगी।

    सरकार का मानना है कि वैट दर में समानता से उपभोक्ताओं को तो राहत मिलेगी ही, प्रदूषण पर भी कुछ सीमा तक नियंत्रण लगेगा। प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देने से पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता घटेगी।

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